ओवैसी ने पीएम मोदी के राम जन्म भूमि पूजन में शामिल होने पर उठाए सवाल, कही ये बड़ी बात
5 अगस्त को होने वाले राम जन्म भूमि पुजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने पर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरु कर दिए। एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर भूमि पूजन पर पीएम के शामिल होने कहा कि पीएम मोदी की यह संविधान के धर्मनिर्पेक्षिता का उल्लंघन है।

एआईएमआईएम (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर भूमि पूजन पर पीएम के शामिल होने पर सवाल उठाया और कहा कि पीएम मोदी की यह यात्रा संविधान के धर्मनिर्पेक्षिता का उल्लंघन है। ओवैसी ने साथ ही कहा कि बाबरी मस्जिद हमेशा का अस्तित्व खत्म नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इतिहास याद रखेगा कि कैसे कुछ लोगों ने मस्जिद के ढांचे को गिरा दिया था।
ओवैसी बोले कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबके लिये मान्य है लेकिन अगर दिसंबर 1992 में मस्जिद के ढांचे पर हमला न किया गया होता, तो आज SC का फैसला कुछ और होता। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पीढ़ी हमेशा यही कहेगी कि मस्जिद को गिराया गया था। साथ ही इतिहास का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 1949 दिसंबर में मस्जिद परिसर में चुपके से मूर्तियों को रखा गया था और वही 1992 में मस्जिद में तोड़फोड़ का कारण बना। उस वक्त की सरकार मस्जिद को सुरक्षा नहीं दे पाई थी और इतना बड़ा ब्लंडर हो गया था। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज आने वाली पीढ़ी को बताएगा कि कैसे मस्जिद को ढहा दिया गया था।
ओवैसी ने यह भी कहा कि यह फैसला विश्वास के आधार पर दिया गया है, न की तथ्यों पर और यही कारण है मुस्लिम पक्ष के लिए इसे स्वीकार करना थोड़ा मुश्किल था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 1991 के पूजा स्थल अधिनियम की प्रशंसा की थी। यह एक्ट 15 अगस्त 1947 हर पूजा स्थल की सुरक्षा करता है। ओवैसी ने कहा यदि यह अधिनियम मौजूद है, तो काशी विश्वनाथ मंदिर–ज्ञानवापी मस्जिद का मामला क्यों अभी तक कोर्ट में लंबित है?इन मामलों को बहार फेंक देना चाहिए।वास्तव में, दूसरे पक्ष ने जिला अदालत में याचिका दायर की है कि वे इस अधिनियम को स्वीकार नहीं करते हैं।
ओवैसी बोले कि जिस तरह बीजेपी ने 370 को हटा दिया है उसी तरह अपनी बहुमत की सरकार में उनके लिए यह पूजा अधिनियम हटाना भी बड़ी बात नहीं है।दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को यह साफ करना चाहिए कि वह अयोध्या किस हैसियत से जायेंगे ? पीएम की हैसियत से या आम नागरिक के तौर पर! उन्होंने पीएम पर निशाना साधा और उनसे पूछा कि प्रधानमंत्री होने के नाते वह सभी धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए उनके लिए यह साफ करना जरूरी है।
अदिति शर्मा
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