आखिर 9 साल पहले की चेतावनी को एयरपोर्ट अथॉरिटी ने क्यों किया नज़र अंदाज़
एयर इंडिया का वंदे भारत विमान जो दुबई से भारत आ रहा था, वो शुक्रवार शाम केरल के कोझिकोड स्थित्त हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में मरने वालों की संख्या 18 हो गयी है। डीजीसीए के अनुसार हादसा ख़राब मौसम के चलते हुआ। अब डीजीसीए ने हादसे की विस्तृत जांच के लिए आदेश दे दिए हैं।

कोझिकोड में कारीपुर हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में ब्लैक बॉक्स मिल गया है, जिसे आगे की जांच के लिए दिल्ली भेजा जायेगा। ब्लैक बॉक्स डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (सीवीआर) को मिलाकर बनता है। डीएफडीआर विमान में उसकी हवाई गति, ऊंचाई व इंजिन आदि से संबंधित आंकड़ों को रिकॉर्ड करता है। वहीं सीवीआर विमान में कॉकपिट में होने वाली सभी बातचीत की रिकॉर्डिंग करता है।ब्लैक बॉक्स से अब से जांचकर्ताओं को उड़ान का विस्तृत डेटा और वॉइस रिकॉर्डिंग मिल सकेगी जिससे दुर्घटना के कारणों का पता चल सके।
हुआ यूँ कि विमान रनवे पर फिसलने के बाद 35 फिट गहरी खाई में जा गिरा और इसके दो टुकड़े ही गये। विमान में 191 यात्री सवार थे और विमान हादसे में दुर्भाग्यवश दोनों पायलट समेत 18 लोगों की मौत ही गयी। वहीं कोझिकोड में हुए इस विमान हादसे में मारे गए यात्रियों में से एक यात्री कोरोना पॉजिटिव निकला है। कुछ मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक विमान में सवार यात्रियों में कम से कम 2 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं।
इस मामले के सामने आने के बाद सीआईएसएफ ने एहतियात के तौर पर शुरुआती बचाव कार्य में शामिल राहतकर्मियों को क्वारंटीन होने की सलाह दी है। बताया जा रहा है कि कोझिकोड विमान हादसे का कारण गंभीर लापरवाही रही है। इतना ही नहीं पिछले साल डीजीसीए ने कोझिकोड एयरपोर्ट के रनवे को खतरनाक करार दिया था और चेताया था कि रनवे पर पानी भरने और किनारे पर रबर जमा होना यहां हादसे के होने का कारण बन सकता है।
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एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन अरविंद सिंह ने इस बारे में जानकारी दी और बताया कि विमान को जिस रनवे पर उतरना था, वह उसपर नहीं उतर पाया। जिस कारण दूसरे रनवे पर लैंडिंग की कोशिश की गयी और वहीं दुर्घटना हुई। फ़िलहाल स्थिति की समीक्षा की जा रही है और जल्द ही एयरपोर्ट को वापिस शुरू किया जायेगा। साथ ही सिंह का कहना है कि डीजीसीए ने रनवे को लेकर 2015 में कुछ आपत्तियां जाहिर की थीं। जिन्हें बाद में दूर किया गया था और यहां एयर इंडिया के जम्बों जेट भी लैंड हो चुके हैं।