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लॉकडाउन: परस्पर निर्भरता बनाम आत्मनिर्भरता या महज एक जुमला

लेखक- मुजाहिद नफ़ीस, कन्वीनर माइनॉरिटी कोर्डिनेशन कमेटी, गुजरात

हमारा ब्रहम्माण्ड जलथलवायुआकाश जैसी बहुत से चीज़ों से मिलकर बना है। सभी चीज़ें एक दूसरे पर निर्भर हैं। हमारी पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती हैचंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। वहीं ब्रहमाण्ड के सभी तारेनक्षत्र एक दूसरे के चारों ओर घूमते और गुर्त्वाकर्षण के ज़रिये एक दूसरे से जुड़े/बंधे रहते हैं। ये जुड़ाव ज़रा सा भी ढीला होता है तो पृथ्वी पर भूचालसमुन्द्र में ज्वारवायु में तूफ़ान आने लगता है।

पृथ्वी पर पाये जाने वाले सभी सजीव एक दूसरे पर निर्भर हैं। एक चिड़िया का खेत में उगी फ़सल पर निर्भरताजानवर की जंगलवनस्पति और पर्यावरण पर निर्भरतामनुष्य की भोजन के लिए पृक्रति पर निर्भरतापीने के लिए पानी पर निर्भरताजीने के लिए वायु व अन्य वस्तुओं पर निर्भरता है। सभी धर्मों में भी परस्पर निर्भरता के सिद्धांत को मानते हुए पर्यावरण संरक्षणपृकर्ति का सीमित दोहनगरीबों का ध्यानदानदक्षिणा जैसे सिद्धांत साबित करते हैं कि हम सब एक दूसरे पर परस्पर निर्भर हैं। 

हमारे देश की संस्कृति वासुधैव कुटुंबकम का सिद्धांत मनाने वाली संस्कृति हैजिसका मूल ही परस्पर निर्भरता है। परस्पर निर्भरता के सिद्धांत से ही कर्तव्यों का उद्भव हुआ है। जब हम निर्भरता को भूल कर आत्म केन्द्रित होंगे तब कर्तव्य गौण हो जाएंगे और विश्व का संतुलन बिगड़ने लगेगा। पूंजीवाद के उभार ने परिवारों का विघटन पहले ही कर दिया है। देश में एकल परिवारों का शहर में जाकर बसना पहले ही संतुलन को प्रभावित कर चुका है।

ऐसे समय जब देश महामारी के दुर्दिनों से गुज़र रहा हो. तब आत्मनिर्भरता की बात कहीं ना कहीं हमें सोचने की तरफ़ मजबूर करती है कि कहीं हम स्वार्थीआत्मकेंद्रित (सेल्फ़ सेंटर्ड) होने की दिशा में तो नहीं बढ़ रहे हैं। जब हम आत्मकेंद्रित हो जाएंगे तो इस विश्व के पर्यावरणश्रम का असीमित दोहन कर खुद के लिए पूंजी जमा करने लगेंगे। फिर हमारे परिवारबुजुर्गगरीबपर्यावरणजीवजन्तुओं की परस्पर निर्भरता और हमारा कर्तव्य कौन याद रखेगा।

हमको एक दूसरे की मदद करते हुए हमारे मूलभूत अधिकारों के लिए खड़ा होना पड़ेगा व सभी को यह भी बताना होगा कि हम सब इस दुनिया में एक दूसरे से जुड़े हैं। और सबको सभी का ध्यानख़्याल रखना है। हम सब एक दूसरे पर निर्भर हैं। हम आत्मकेंद्रिता की ओर ले जाने वाले स्वार्थी मनुष्य बनाने वाले आत्मनिर्भरता के सिद्धांत को सिरे से ख़ारिज करते हुए वसुधेव कुटुंबकम के सिद्धांत को आगे ले जाने वाले प्रथम पंक्ति के व्यक्ति बने। तभी हम विश्व को एक नया रास्ता दिखाते हुए भारत को मज़बूत बना पाएंगे|

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