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गायक और नेता बाबुल सुप्रियो ने राजनीति को कहा अलविदा

भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति को अलविदा कह दिया है। राजनीति छोड़ने का ऐलान करते हुए उन्होंने बंगाली भाषा में लिखा है, "मैं जा रहा हूँ...अलविदा।" अपने एक लंबे चौड़े पोस्ट में बाबुल ने लिखा है-" मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा हूँ।

भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति को अलविदा कह दिया है। कुछ समय पहले अपने फ़ेसबुक पेज के ज़रिये उन्होंने इस बात का ऐलान किया है। राजनीति छोड़ने का ऐलान करते हुए उन्होंने बंगाली भाषा में लिखा है, “मैं जा रहा हूँ..अलविदा।” अपने एक लंबे चौड़े पोस्ट में बाबुल ने लिखा है-” मैं किसी और पार्टी में नहीं जा रहा हूँ। टीएमसी, कांग्रेस या सीपीआईएम, कहीं भी नहीं। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूँ। हमेशा एक टीम का समर्थन किया है। पश्चिम बंगाल में केवल भाजपा का समर्थन किया है।

मैंने अमित शाह और जेपी नड्डा के सामने राजनीति छोड़ने की बात की है। मैं उनका आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे कई मायनों में प्रेरित किया है। मैं बस जा रहा हूँ। यदि आप सोशल वर्क करना चाहते हैं तो आप इसे राजनीति में आए बिना भी कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि वो एक महीने में सरकारी आवास छोड़ देंगे साथ ही सांसद के पद से भी इस्तीफ़ा दे देंगे।

प्लेबैक सिंगर से राजनीति तक का सफर

पश्चिम बंगाल के आसनमोल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो राजनीति में आने से पहले बेहद प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर थे। साल 2014 में उन्होंने भाजपा के साथ जुड़कर सियासी पारी की शुरुआत की थी। 2014 में भाजपा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्रीय शहरी विकास मंत्री घोषित किया गया था। लेकिन हालही में केंद्रीय कैबिनेट में हुए फेरबदल के बाद उन्हें केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री बनाया गया था।

बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत नहीं हासिल कर पाए थे

सुप्रियो को हाल ही में हुए बंगाल विधानसभा चुनावों में पार्टी ने टॉलीगंज सीट से मैदान में उतारा था लेकिन वो जीत हासिल नहीं कर सके और 50 हज़ार वोटों से हार गए। इसके कुछ दिनों बाद ही उनसे केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफ़ा मांग लिया गया। बताया जा रहा है कि तब से ही वो पार्टी नेतृत्व से नाराज़ थे। पिछले कुछ दिनों से बाबुल सुप्रियो के भाजपा में कम होती भूमिका पर कई तरह के सवाल उठाये जा रहे थे।

बंगाल चुनाव में हुई हार की ली जिम्मेदारी

बंगाल चुनाव में अपनी हार की ज़िम्मेदारी पर सुप्रियो ने लिखा- ‘ एक और बात…बंगाल चुनाव से पहले राज्य नेतृत्व के साथ कुछ मुद्दे थे, ये हो सकता है लेकिन उनमें से कुछ सार्वजनिक रूप से बाहर आ रहे थे। कहीं न कहीं मैं इसके लिए ज़िम्मेदार हूँ…इसके लिए दूसरे नेता भी ज़िम्मेदार हैं। हालांकि मैं बताना चाहता हूँ कि कौन इसका जिम्मेदार है लेकिन पार्टी और वरिष्ठ नेताओं की असहमति से नुक्सान हो रहा था।’

आसनमोल से दो बार सांसद रह चुके बाबुल सुप्रियो उन मंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें बीती 7 जुलाई को एक बड़े फेरबदल के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था।

भावना शर्मा 

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