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न्यूजीलैंड की मस्जिद में गोली बारी करने वाले हत्यारे का क्या है भारत कनेक्शन ?
न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में मस्जिदों पर हमला करने वाला आरोपी ब्रेंटोंन टेररंत के बारे में एक नई जानकारी सामने आई है, जिसके मुताबिक न्यू जीलैंड में हमला करने से पहले ब्रेंटोंन भारत में भी रहा था।

ब्रेंटोंन टेररंत ऑस्ट्रेलिया से था और 2017 से हमले की फ़िराक में था।
51 मुसलमानों की गयी थी जान
विश्व के सबसे ज्यादा शांतिपूर्ण देश न्यू जीलैंड में हुए इस हमले से पूरा यूरोप दहल गया था। आपको बता दें 15 मार्च 2019 में हुए हमले में 51 मुस्लिम्स की मौत हुई थी, जिसमें से 5 भारतीय मूल के मुसलमानों की भी जान गई थी। ब्रेंटोंन ने ऑनलाइन वीडियो में खुद को सफ़ेद वर्चस्ववादी के रूप में वर्णित किया था जो यूरोप में मुसलमानों द्वरा किए गए हमलों का बदले लेने आया था।
अकेले की विश्व भर में यात्रा
रॉयल कमीशन इन्क्वायरी की 792 पेज की रिपोर्ट के मुताबिक ने ब्रेंटोंन पढाई पूरी करने के बाद एल लोकल जिम में पर्सनल ट्रेनर के रूप में 2012 तक काम किया था, जिसके बाद उसने कोई स्थायी नौकरी नहीं की। बल्कि अपने पिता से मिले पैसों को निवेश कर विश्वभर में खूब यात्रा की। 2013 में उसने न्यू जीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का भ्रमण किया। 2014 से 2017 के बीच उसने दुनिया भर में टूर किया। ब्रेंटोंन ने जितनी भी यात्रा की अकेले ही की, बस एक नार्थ कोरिया के टूर पर वो ग्रुप में गया था।

भारत में बिताए सबसे ज्यादा दिन
गौरतलब है क्राइस्ट चर्च हमले के मास्टरमाइंड ने सबसे ज्यादा दिन भारत में बिताए। 15 नवंबर 2015 से फरवरी 2016 तक ब्रेंटोंन भारत में था। भारत के अलावा ब्रेंटोंन ने चीन, रूस , जापान , साउथ कोरिया में महीने भर के करीब वक्त बिताया था। हालाकिं यह साफ नही हो पाया है कि तीन महीने भारत में टेररंत क्या कर रहे थे?
यात्राओं का आतंकी विचारधारा से कोई संबंध नहीं..
न्यूजीलैंड हेरल्ड की रिपोर्ट के हिसाब से टेररंत ने दूसरे देशों में किसी वामपंथी संगठन से मुलाकात नहीं की। इन्क्वायरी के मुताबिक यात्रा करने से उनके नस्लवादी विचारों में किसी तरह की उत्पत्ति नहीं हुई है। बल्कि इन्क्वारी में लिखा गया है कि कोई काम न होने के कारण टेररंत ने विश्वभर की यात्रा की।
कैसी हुई थी परवरिश?
ऑस्ट्रेलिया के ब्रेंटोंन की परवरिश के बारे में रिपोर्ट बताती है कि बचपन में उनके माँ बाप के बीच तंग संबंध थे, साथ ही माँ के किसी और से रिलेशन थे, जिसके कारण किशोर अवस्था से ही उनके अंदर नस्लवादी विचार थे और वो इन्टरनेट पर बहुत वक्त बिताते थे।
2017 से ही मुस्लिमों पर हमला करना चाहता था..
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि जनवरी 2017 से ही ब्रेंटोंन के दिमाग में आतंकवादी हमला था, साथ ही जब वह अगस्त 2017 में न्यूजीलैंड रहने के लिए आया था तब तक उसकी आतंकवादी विचारधारा विकसित हो चुकी थी।
उसकी विचारधारा मुख्य रूप से ग्रेट रिप्लेसमेंट सिद्धांत और उससे संबद्ध मान्यताओं के आधार पर थी, विशेष रूप से मुस्लिम प्रवासियों का पश्चिमी समाज के लिए संभावित खतरा है।
अगस्त में आतंकवाद और हत्या के मामलों में दोषी पाए जाने के बाद टेररंत को पैरोल के बिना जीवनभर जेल की सजा सुनाई गई थी।