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उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल कोशियारी को याद दिलाई उनके पद की गरिमा, आखिर क्यों भड़के मुख्यमंत्री?

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी के बीच सेकुलरिज्म और हिंदुत्व को लेकर तनातनी शुरू हो गयी है। हुआ यूँ कि राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा जिसपर यह विवाद शुरू हुआ। आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी फ़िलहाल महाराष्ट्र में मंदिर खुलवाने के लिए भूख हड़ताल कर रही है।

इस विषय पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और उनके हिंदुत्व पर सवाल उठाया, उन्होंने पूछा कि क्या आप अचानक से सेक्युलर हो गए ? जिसपर सीएम ऑफिस से आये जवाब में उद्धव ने कहा कि, पत्र में मेरे हिंदुत्व होने का उल्लेख करना गलत है और इसके लिए मुझे आपके (गवर्नर) सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

पत्र में सीएम उद्धव ने कंगना की लेकर गवर्नर पर कसा तंज़

सीएम उद्धव ठाकरे ने यह भी लिखा कि मेरे राज्य की राजधानी को जो लोग पाक अधिकृत कश्मीर बताते हैं, उनका घर में हंसते हुए स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में नहीं आता है। बता दें, अभिनेत्री कंगना रनौत ने राजधानी मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से की थी। इसके बावजूद भी राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने कंगना से मुलाकात की थी।

राजपाल ने पत्र में क्या लिखा

गवर्नर कोशियारी ने सोमवार को उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी में लिखकर कहा कि उन्हें कोविड गाइडलाइन्स के साथ धार्मिक स्थलों को भी दोबारा खोलने के लिए तुरंत निर्णय करना चाहिए था। उन्होंने खत में लिखा कि आप हिंदुत्व के बडे तरफदार रहे हैं और इसका प्रमाण है आपका अयोध्या जाकर भगवन राम के लिए समर्पण दिखाना।

आपने पंढरपुर में विट्ठल रुकिमणि मंदिर के दर्शन किये थे और आषाढ़ी एकादशी पर पूजा भी थी। अब मैं समझना चाह रहा हूँ कि इतने धार्मिक होने के बाद भी आप धार्मिक स्थलों को वापिस खोलने की प्रकिया को बारबार किसी दिव्य सन्देश के चलते टाल रहे हैं। या कहीं आप खुद तो सेक्युलर नहीं बन गए, जो कभी आप खुद नही पसंद करते थे?

राज्यपाल ने लिखा बीच खुले, लेकिन देवीदेवता बंद

राज्यपाल ने यह भी लिखा कि दिल्ली में 8 जून से और कुछ अन्य शहरों में जून की आखिरी तारिक से ही सभी मंदिर और धार्मिक स्थल खुल गए हैं। साथ ही वहां कोविड के मामलों में बढ़ोतरी भी नहीं देखी गयी है। उन्होंने कहा कि विड़बना है कि राज्य सरकार ने बार, रेस्टोरेंट और बीच आदि खोलने की अनुमति दे दी है और दूसरी तरफ हमारे देवी देवताओं को लॉकडाउन में रखा जा रहा है।

उद्धव ठाकरे ने अपने जवाब में कहा कि मंदिरों को दोबारा खोलने में देरी होना, सेक्युलरिज्म का सवाल नहीं है। उन्होंने भी तंज किया और पूछा राजपाल जी क्या आप अपनी सैंवधानिक शपथ भूल गए हैं?

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