
हम हॉलीवुड़ फिल्मों में अक्सर सुपर हीरो पर कहानिया देखते आएं है। देखते हैं कि जब दुनिया पर संकट आता है तो कैसे सुपर हीरो छलांगे मारता हुआ दुनिया को बचा लेता है। हम जानते है कि ये सच नहीं है लेकिन फिर भी हमारे ज़हन में वो सुपर हीरो लम्बें समय तक रहता है। लेकिन हमारी रीयल लाइफ में ऐसे बहुत से हीरो होते है जो हमारे या हमारे आस पास समाज के संकट से लड़ कर हमारी जान बचाते है। दुनिया भर में महामारी बनकर फैले कोरोना के इस दौर में उन हीरोज़ में एक ऐसा ही हीरो है जो इस मौत के संकट से लड़ रहा है। दरअसल कभी कभी किताबों में पढ़ी कहानियां असलियत में भी हमारे सामने होती है। ऐसे में जब कोरोना महामारी मुंह बाए दुनिया के सामने खड़ी है, तो हमारे स्वास्थ्यकर्मी उस मज़बूत ढाल की तरह खड़े हैं, जो हमें हर मुश्किल से बचा रही है। देश-दुनिया के तमाम हिस्सों में स्वास्थ्यकर्मी दिन रात कोरोना पीड़ितों की सेवा में जुटे हैं। मौत के खौफ से दूर ये डॉक्टरस समाज के एक ऐसे दुश्मन से लड़ रहे है, जो दिखाई तो नहीं देता किन्तु उसका वार जानलेवा है। चुस्त और चौकन्ना ये शत्रु हमारे घरों की दहलीज़ तक आ पंहुचा है। हमारे मंदिर-मस्जिद सब बंद है, खुला है तो सिर्फ इन हीरोज़ का घर यानि हॉस्पिटल। ये डॉक्टर ही असली एवेन्जर्स बनकर इस कोरोना नामक थानोस से मुकाबला कर रहे है। हमें पूरा भरोसा है कि अंत में ये एवेन्जर्स इस बिमारी रूपी थानोंस को खत्म कर दुनिया को बचा लेगें। हम सब उनके हौसले को सलाम करते है। दरअसल ये चिकित्साकर्मी, पुलिस व सफाईकर्मी सभी हमारे रियल सुपर हीरोज़ है, जो लोगों को मौत के मुंह से भी बाहर लाने को तैयार है। हमारा भी फर्ज़ है कि हम अपने इन सुपर हीरोज़ का सम्मान करें और खुद घरों में रखकर इनकी मदद करें।