
कोरोना एक वैश्विक महामारी जिसने सारे संसार को लगभग रोक दिया है। भारत में 24 मार्च से लागु हुए लॉकडाउन को सरकार ने इस बीमारी की रोकथाम के लिए 3 मई तक बढ़ा दिया। इस लॉकडाउन की सबसे बुरी मार गरीब और माध्यम वर्गीय लोगो पर पड़ी है। शहरों में काम की तलाश मे आए मजदूर इस संकट से सबसे ज्यादा जूझ रहे है। बंद होते शरह और चौपट होते काम धंधे को देख इन सभी ने अपने अपने गांव का रुख किया। लेकिन वो ड़गर भी कहा आसान थी। इनको राज्यों की सीमाओं पर ही रोक लिया गया। जबकि कुछ सैकड़ो मील की पैदल यात्रा करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचे।ऐसे में सरकार भी लोगो की सहायता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लोगों को भोजन भी उपलभ्ध कराया जा रहा है, साथ ही अनाज और धन राशि भी दी जा रही है। बहुत सारी NGO भी एस मुश्किल घड़ी में देशवासियों के साथ खड़ी है। हम देख रहे है कि ऐसी सभी निजी संस्थाए भुखे लोगों तक राहत सामग्री पंहुचा रही है।
कोरोना के इस संकट में हर देशवासी अपने स्तर पर इस महामारी से लड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब देशवासियों से मदद का आहवाहन किया तो सभी ने इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। लोगों ने PM Cares Fund जम के देशहित में दान कर रहे है। साथ ही वे अपनी तरफ से भी गरीबो को भोजन की मदद दे रहे है। भारत वासियों ने देश का साथ लॉकडाउन का पूर्ण रूप से पालन करके एक उत्तम उदहारण पेश किया है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के एक जुट होकर काम करने से हम लोग जीत की तरफ बढ़ रहे है। देश में लैब्स की संख्या बढ़ाई जा रही है, और हमारा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधर रहा है। जिस बीमारी ने यूरोपियन यूनियन और अमरीका जैसे देशों को क्षति पहुँचाई है, उसी ओर भारत काफी सफल रहा। हमने अमरीका, ब्राज़ील, अफ़ग़ानिस्तान जैसे अन्य देशो को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroqunine) ड्रग की मदद कर, मानवता की एक नई मीसाल पेश की है। साथ ही भारत ने सार्क देशों के कोविड-19 फण्ड में भी अहम योगदान दिया है। ऐसे में हमारा प्रथम कर्तव्य है कि हम सरकार के आदेशों का पालन करे, और उन सब लोगों को नमन करे जो डट कर हमारी रक्षा में लगे हैं । अपने घरों में सुरक्षित रहे और लॉकडाउन को पूरी तरह से सहयोग करे। इन सब प्रयासों से ही इस बीमारी को भारत जल्द ही हरा देगा।