कुंभ में फैला कोरोना, तो रोक लगी मरकज में नमाज पर! जानिए पूरा मामला
कोरोनावायरस महामारी ने एक बार फिर पूरे देश को हिला कर रख दिया है। देशभर में लगातार 2 लाख से ज्यादा मामलें कोविड-19 के दर्ज हो रहे हैं, साथ ही मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। ऐसे में कई राज्य सरकारों ने कोरोना की रोकथाम के लिए पाबंदियां लगा दी हैं।

उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुम्भ मेले में कई साधुओं और हजारों लोगों के कोविड पॉजिटिव आने के बाद, निर्जनी अखाड़ा ने आज कुम्भ में न नहाने का फैसला किया है। इसके अलावा उत्तराखंड की राज्य सरकार ने किसी भी तरह के धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम में 200 लोगों के आने की लिमिट की है तो कुम्भ को इससे बहार रखा है।
कुम्भ में कोरोना विस्फोट, लेकिन कोई रोक नहीं
उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुम्भ मेले में पिछले कुछ दिनों में भारी संख्या में लोगों, श्रद्धालुओं ने स्नान किया। जिस कारण हरिद्वार कुम्भ मेले में 2000 से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया था कि जो भी लोग कुम्भ आएंगे उनके लिए RT-PCR रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। लेकिन लगता है ऐसा कुछ हुआ नहीं और लाखों लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। बात गौर करने वाली यह है कि अब तक केंद्र सरकार ने इसपर कोई टिपण्णी नहीं की है और न कुछ आदेश दिए हैं। देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद भी सरकार ने कुम्भ मेले को रोकने जैसा कोई बड़ा निर्णय नहीं लिया है।
दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज पर लगी रोक
आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते मरकज में एक वक्त में 50 लोगों को नमाज करने की अनुमति दी है। दरअसल रमज़ान शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने कहा कि राजधानी में नए आपदा प्रबंधन नियमों के तहत हर तरह के धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध लगाने का एलान किया था। दिल्ली का यह वही निजामुद्दीन मरकज है जहां पिछले साल कई तब्लीगी जमात के लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। जिसके बाद मरकज पर आरोप लगे की देश में कोरोना तब्लीगी जमात के लोगों ने फैलाया है और पिछले साल से यह मरकज बंद है।
यह कहना उचित है कि कोविड-19 की दूसरी लहर आने के कारण देशभर में तमाम धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गयी है, जो कि जरूरी भी है। लेकिन जहां कोरोना भयानक रूप में फैला है वहां अब तक किसी तरह की रोक नहीं लगी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने तो ये तक कहा था कि कुंभ और मरकज की तुलना ही नहीं की जा सकती है।