जब हिंदू महिला के परिजनों ने नहीं दिया अर्थी को कंधा, तो मुस्लिमों ने करवाया अंतिम संस्कार
कोरोना से एक महिला की मौत हो गयी तो घंटों तक परिवार से कोई भी अर्थी को कंधा देने नहीं आया। उम्मीद थी कि देर से ही सही कोई तो अंतिम संस्कार के लिए आएगा, मगर न आने पर मुस्लिम युवकों ने किया ये काम।

कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते प्रभाव के चलते पूरे देश में डर का माहौल है। इस बीमारी का खौफ इतना ज्यादा है कि लोग अब अंतिम संस्कार में भी शामिल होने से कतराने लगे हैं। हापुड़ में ठीक ऐसा ही हुआ कि महिला की कोरोना से मौत हुई तो परिवार के सदस्यों ने उसके शव को कंधा देने से ही मुंह फेर लिया। जिसके बाद कुछ मुस्लिम युवकों ने रीति रिवाज के साथ महिला का अंतिम संस्कार करवाया।
कोरोना ने लोगों को बनाया असंवेदनशील
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में महिला की कोरोनावायरस से मौत हो गई। सुषमा अग्रवाल पिछले कुछ दिनों से ठीक महसूस नहीं कर रही थी, जिसके बाद उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ी और उनकी मौत हो गयी। मौत के बाद महिला के पति वाराणसी से अगले दिन मेरठ पहुंचे, लेकिन बाकी रिश्तेदारों की सिर्फ राह देखी गयी।
महिला के आखिरी समय में किसी परिवार के सदस्य ने कंधा तक नहीं दिया। कोरोना का खौफ इतना ज्यादा हो गया कि अग्रवाल परिवार के लोगों ने खुद की जान के चक्कर में सुषमा अग्रवाल नाम की महिला के अंतिम संस्कार में न शामिल होना ही ठीक समझा। हैरान करने वाली बात यह है कि कई घंटों तक परिवार का इंतजार हुआ कि कोई तो होगा जो ऐसे समय में आ ही जायेगा, मगर कोई नहीं आया।
मुस्लिमों ने किया हिन्दू महिला का अंतिम संस्कार
किसी के ना आने और लगातार देरी होने के बाद बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के महानगर अध्यक्ष तहसीन अंसारी अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंचे। साथ में मुस्लिम समाज के कुछ लोग भी वहां आए और फिर अर्थी को कंधा देकर पैदल सूरज कुंड श्मशान घाट तक लेकर गए। इस दौरान हिन्दू रिवाज की तरह ही शवयात्रा में वे राम नाम सत्य है भी बोलते गए। इसके बाद इन सभी लोगों ने मिलकर पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया।
– अदिति शर्मा