देहरादून रेलवे ने संस्कृत में लिखा नाम, रेलवे अधिकारी ने दी प्रतिक्रिया
देहरादून रेलवे स्टेशन के बोर्ड पर संस्कृत में नाम लिखे जाने पर आज सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। दरअसल रेलवे नाम पटल से ऊर्दू की जगह संस्कृत में देहरादून लिखा गया।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक ट्वीट किया जिसमें देहरादून स्टेशन के साइन बोर्ड में देहरादून को संस्कृत में देहरादूनम् लिखा हुआ है। बोर्ड में उर्दू भाषा के अलावा देहरादून हिंदी और इंग्लिश में लिखा गया है। जिसके बाद से ट्विटर पर यह वायरल हो गया।
SANSKRIT pic.twitter.com/6coUpaIQyF
— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 13, 2020
दिल्ली में उत्तरी रेलवे के अधिकारियों ने इसपर कहा कि साइनबोर्ड पर देहरादून स्टेशन के नाम में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है और न ही संस्कृत में लिखा गया है। उन्होंने कहा कि यह सोशल मीडिया पर फैलाया गया एक भ्रम है। साथ ही कहा कि हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में नाम बोर्ड पर पहले की तरह लिखा हुआ है।
जोनल रेलवे अधिकारी ने बताया कि देहरादून में यार्ड रिमॉडलिंग का काम चल रहा था। इस दौरान गलती से मजदूरों ने साइनबोर्ड के नाम को संस्कृत में लिखवा दिया। फिर जब काम खत्म होने के बाद स्टेशन को दोबारा शुरू किया गया तो इसे सुधार करके नाम को पहले की तरह ही हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में लिखवा दिया गया।
यह मुद्दा सामने तब आया जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने ईगल आई नाम के एक ट्विटर हैंडल के ट्वीट को रीट्वीट किया। इसमें दो तस्वीरें पोस्ट की गयी थी जिसमें देहरादून का पुराना स्टेशन साइनबोर्ड दिखाई दे रहा था जिसमें नाम हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में लिखा हुआ था। तो दूसरी तस्वीर में साइनबोर्ड पर नाम उर्दू की जगह संस्कृत में लिखा हुआ दिखाई दे रहा था।
Thanks for sharing with us this important initiative of @RailMinIndia ! https://t.co/Kf9j4a2JXv
— Dr. VINAY Sahasrabuddhe (@vinay1011) July 13, 2020
सहस्रबुद्धे ने ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि भारतीय रेलवे की इस महत्वपूर्ण पहल को हमारे साथ साझा करने के लिए शुक्रिया। इसके बाद संबित पात्रा ने तस्वीर ट्वीट कर लिखा, ‘संस्कृत।’ आपको बता दें कि संस्कृत उत्तराखंड की आधिकारिक दूसरी भाषा है।
सूत्रों के मुताबिक उत्तर रेलवे ने देहरादून स्टेशन के साइनबोर्ड पर उर्दू हटाकर संस्कृत में लिखने की कोशिश की थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तराखंड भाजपा के एक विधायक ने 2019 में भारतीय रेलवे मिनिस्ट्री संस्कृत के साथ रेलवे स्टेशनों पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखने की मांग की थी। इसके बाद उत्तर रेलवे ने देहरादून जिला अधिकारी को इस सिलसिले में आधिकारिक तौर पर चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार से इजाजत लेने को कहा था। इसपर रेलवे का कोई जवाब नहीं आया।