Zee News को कोरोना Hotspot बनाने में सुधीर चौधरी का हाथ!
गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) प्रशासन द्वारा 18 मई को एक प्रेस बुलेटिन जारी किया गया। इस बुलेटिन के मुताबिक Zee News में काम करने वाले 51 पत्रकारों और कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट हुआ था, जिसमें से 28 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

बुलेटिन के अनुसार ज़ी मीडिया का 39 वर्षीय पुरुष कर्मचारी सेक्टर-16 नोएडा स्थित ऑफिस में आया था। जो कि 15 मई को कोरोना पॉजिटिव निकला। इसके बाद इसके संपर्क में आए 51 लोगों के सेम्पल मैक्स लैब दिल्ली में जांच किए गए। इन लोगो में से जीबी नगर में रहने वाले 15 लोग जो इसी संस्थान में काम करते हैं वो भी पॉजिटिव निकले और 13 अन्य लोग जो दिल्ली, गाज़ियाबाद और फरीदाबाद में रहते हैं वे भी कोविड जांच में पॉजिटिव आए है। अब प्रशासन प्रोटोकॉल के तहत इस मामले की जांच कर रहा है। साथ ही बुलेटिन के मुताबिक तुरंत कमांडर ने उस विशेष इलाके को सील करने का आदेश दिया है और सेनिटाइजेशन का कार्य चल रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली नॉएडा बॉर्डर को अगले आदेश आने तक सील कर दिया है।
जी न्यूज़ का मामला–
मीडिया ने सूचना अधिकारी राकेश चौहान से Zee News के मामले में बातचीत की। राकेश चौहान ने इस बात की पुष्टि की, “ज़ी न्यूज़ के 28 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। आदेश के मुताबिक उनके ऑफिस में सेनिटाइजेशन का काम चल रहा है, और बिल्डिंग को सीलिंग किया जा रहा है। साथ काम कर रहे लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है।”
दरअसल हुआ यूँ की 15 मई को Zee News के एक कर्मचारी ने अपना कोरोना टेस्ट कराया। बहुत दिन से खाँसी और बुखार होने के बावजूद भी लक्ष्मी नगर का ये कर्मचारी रोज ऑफिस आ रहा था। हालत बेकाबू होने के बाद उसने टेस्ट कराया और वो पॉजिटिव निकला। यह बात उसने अपने व्हाट्सअप ग्रुप के जरिये बताई। इसके बाद इवनिंग शिफ्ट में वो जिन जिन लोगो के संपर्क में आया था उनका कोरोना टेस्ट कराया गया जिनमे 28 लोग पॉजिटिव निकले।
ज़ी मैनेजमेंट और सुधीर चौधरी ने दिखाई नासमझी–
इस पूरी घटना के बारे में न्यूज़लॉन्ड्री ने संबंध में Zee News के कई कर्मचारियों से खुल के बातचीत की। उन कर्मचारियो से भी बात की जिनके कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अब इलाज चल रहा है। साथ ही वरिष्ठ पदों पर कार्यरत लोगो से भी बात की , लेकिन एहतियातन उनके कहने पर सबकी पहचान छुपाई गई है। इस बातचीत में जो बातें सामने निकल के आई हैं वो बेहद आश्चर्यजनक हैं।
वैसे तो 15 मई को संस्थान में कोरोना मरीज़ की पुष्टि होने के बाद सुधीर चौधरी ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी दी थी जिसमे इन्होंने कहा कि अपने डीएनए शो को आप सब लोगो तक पहुँचाने के लिए हम छोटे स्टूडियो से शो कर रहे है। इस प्राइम टाइम शो में इन्होंने ये भी कहा कि हालात कितने ही संजीदा क्यूँ न हो हम और हमारा चैनल विषम परिस्तिथियों में भी आपके लिए अप्डेट्स लाता रहेगा।अब ये तो रहा उनका टीवी ऑडियंस के प्रति प्यार। लेकिन अंदर की बात तो कुछ और ही है।
एक कर्मचारी ने हमे बाद सुधीर चौधरी द्वारा न्यूजरूम में दिए गए संबोधन की जानकारी दी। उनका कहना है कि हम सब ही लोग बहुत डरे हुए हैं और सुधीर जी जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं वो भी चिंताजनक है। कर्मचारी ने बताया कि सुधीर चौधरी ने सबको अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने कहा कि– “मैं से ये नहीं सुनना चाहता कि किसी को बुखार या खांसी आ रही है। बुखार तो सबका ठीक हो जाएगा लेकिन उसके लिए बाकी चीजें फिर कभी ठीक नहीं होंगी, ध्यान रहे।
सुधीर चौधरी की इस धमकी की पुष्टि न्यूज़लॉन्ड्री ने ज़ी के जिन लोगो से की जिनमे से एक बेहद वरिष्ठ संपादकीय पद पर हैं और दुसरे खुद कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उनका कहना है कि फिलहाल कर्मचारियों में गुस्सा और डर दोनों है। साथ ही, वैकल्पिक तरीके से दफ्तर खोलने की जरूरत है और वर्क फ्रॉम होम समय की आवश्यकता है। ऐसे में इस तरह की धमकी देना बहुत ही गलत है।
हद तो यहाँ हुई कि 15 मई को इस घटना के पता चलने के बाद सुधीर ने अपने शो में तो देशभक्ति की बात कर वाहवाही बटोरने की कोशिश की। लेकिन दफ्तर में उनका कर्मचारियों के प्रति रवैया बेहद गलत है। ज़ी मैनेजमेंट का व्यवहार भी इस कोरोना काल में लापरवाही भरा है।
ज़ी के सीईओ पुरुषोत्तम वैष्णव ने भी 18 मई की को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तमाम संपादकीय टीम के साथ मीटिंग की थी। इस मीटिंग में शामिल एक पत्रकार ने एक न्यूज़ वेबसाइट को बताया कि “वैसे तो सीईओ बेहद अच्छी बातें करते रहे थे, लेकिन पुरुषोत्तम का सारा ज़ोर इस बात पर था कि ऑफिस का काम रुकना नहीं चाहिए। उनका सारा ज़ोर इस पबात पर था कि शो मस्ट गो ऑन।
क्या जी न्यूज़ में कोरोना संक्रमण रोका जा सकता था ?
केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के मुताबिक केवल 33 प्रतिशत लोगों को दफ़्तर बुलाने की इजाजत दी गई थी। लेकिन जी और सुधीर चौधरी ने अपनी रूल्स के तहत सभी कर्मचारियों और पत्रकारों को 1 मई से ही दफ़्तर आने का आदेश दे दिया था। इससे पता लगता है कि जी मैनेजमेंट का व्यवहार अपने कर्मचारियों के लिए हद से ज्यादा बेरुखा है।
यह बात अपने आप में हैरान करने वाली है कि जब ज्यादातर मीडिया संस्थान वर्कफ्रॉम होम और अन्य दूसरे वैकल्पिक तरीकों से काम कर रहे हैं तब सुधीर चौधरी ने नियम तोड़ते हुए अपने स्टाफ की फुल स्ट्रेन्थ को दफ्तर बुलवाया। इस बात की पुष्टि ज़ी न्यूज़ के कई पत्रकारों ने की। अपने प्राइम टाइम में लोगो को नसीहत देने वाले सुधीर चौधरी खुद सरकार के नियमों का उल्लघन करते है।
उन्होंने ट्विटर पर एक झूठ और बोला कि जो लोग संक्रमण के बावजूद काम करने आए वो कार्यनिष्ठ है और घर से काम करने की इजाजत के बाद भी आ रहे है। यहाँ भी चौधरी जी सच्चई को छुपा गए क्योंकि जी के कर्मचारियों का दफ़्तर आना अनिवार्य था। वर्तमान समय में जी न्यूज़ का संचालन अन्य चैनल की बिल्डिंग से हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि अब उनका ऑफीस सील है।
यह भी विडंबना है कि निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज का मामला सामने आने के बाद ज़ी न्यूज़ और सुधीर चौधरी ने न सिर्फ इस खबर पर लगातार अप्डेट्स दिए थे। बल्कि उसकी आड़ में पूरे मुस्लिम समुदाय की जमकर आलोचना की थी। अब खुद उनका दफ्तर कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है।
अदिति शर्मा