डॉ. तौसीफ खान को देश किस लिए कर रहा है सलाम
लखनऊ स्थित KGMU हॉस्पिटल के डॉ. तौसीफ़ ख़ान को उपचार के समय संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद वे बिमार हुए और 17 मार्च को उनमें कोरोना की पुष्टि हुई। 7 अप्रैल को वे इस घातक संक्रमण से ठीक हुए, और फिर खुद को अपने घर में 14 दिन आइसोलेशन में रखा। अब एक बार फिर वे मरीज़ों के इलाज में जुट गए हैं, वापस लौटते ही उन्होने प्लाज़्मा डोनेशन के लिए रक्तदान किया..

- कोरोना को हराने वाले डॉक्टर तौसीफ बने सबसे पहले डोनर
- उत्तर प्रदेश में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज शुरु
- लखनऊ के केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी शुरु
उत्तर प्रदेश राज्य में कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत हो गई है। इस दिशा में लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कल दो कोरोना संक्रमित मरीजों ने इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक होने के बाद प्लाज्मा दान किया। केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान ही पहले ऐसे मरीज बने जिन्होंने अपना प्लाज्मा दान किया। उनके इस प्लाज्मा से कोरोना संक्रमित गंभीर रोगियों के इलाज में मदद मिलेगी। दान किए गए प्लाज्मा से मिले एंटी बॉडी से कोरोना बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी। इस पर जब डॉ. तौसीफ से पुछान गया तो उन्होनें बताया कि जब मुझसे कोविड-19 मरीजों की जांच कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिंमाशु ने पूछा कि क्या मैं प्लाज्मा दान करने वाला पहला व्यक्ति बनना चाहूंगा, तो मैंने तुरंत हां कर दी क्योंकि रमजान के पवित्र महीने में अगर मैं किसी मरीज की जान बचाने के काम आ सका तो इससे बेहतर भला और क्या होगा। मैंने शनिवार को अपना पहला रोजा रखने के दौरान अपना रक्त परीक्षण के लिये दे दिया।
साथ ही डॉ. हिमांशु ने बताया, ‘‘डॉ. खान का रक्त परीक्षण के लिये ले लिया गया है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की टीम शनिवार शाम या रविवार को उनका प्लाज्मा निकालेगी। डॉ. चंद्रा के मुताबिक प्लाज्मा निकालने के बाद इसे अन्य गंभीर मरीजों में इसे चढ़ाने की प्रक्रिया सोमवार या मंगलवार को शुरू हो सकती है। डॉ. तौसीफ़ ख़ान के अलावा एक और अन्य डॉक्टर उमा शंकर मिश्रा ने भी प्लाज़मा के लिए अपना रक्त दान किया है।
Lucknow: KGMU resident doctor Tauseef Khan & one Umshankar Mishra from Lakhimpur Kheri have donated blood plasma after recovering from #COVID19. Antibody from their plasma will be used in convalescent plasma therapy to treat COVID-19 patients: King George’s Medical University pic.twitter.com/olDgPaea0d
— ANI UP (@ANINewsUP) April 25, 2020