कोरोना से होने वाली मौत का असली आंकड़ा छुपा रही है सरकार !
देशभर में कोरोना का कहर थम नही रहा है। वहीं कुछ राज्य ऐसे हैं जहाँ संक्रमण अभी भी बहुत तेज़ी से फैल रहा है जैसे की दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात। इसी बीच दिल्ली से एक चौंकानी वाली खबर सामने आई है।

दिल्ली में कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों के सरकारी आंकड़ों और असलियत में बड़ा फर्क देखने को मिल रहा है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शमशान घाट और कब्रिस्तानों में अब तक 300 से ज्यादा मौत दर्ज हो चुकी है। लेकिन सरकार के आंकड़ो के हिसाब से शनिवार तक केवल 68 मौते हुई हैं। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही राजधानी में कोरोना से होने वाली मौतों का अंतिम संस्कार किया जाता है। एमसीडी का कहना है इस गाइडलाइन के तहत अब तक दिल्ली के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में 314 का अंतिम संस्कार हो चुका है। इसमें 225 हिंदू डेडबॉडी का संस्कार निगम बोध घाट और पंजाबी बाग श्मशान घाट में किया गया है और 89 डेडबॉडी आईटीओ कब्रिस्तान में दफ़न की जा चुकी है। आईटीओ कब्रिस्तान में दफन किए गए 89 शवों पर प्रबंध कमेटी के सचिव हाजी फैयाजुद्दीन का कहना है कि इसी शनिवार ही तीन डेडबॉडी ओर दफन की गई हैं।सभी डेडबॉडी प्रोटोकॉल के हिसाब से ही दफ़न की गई हैं।
- जनता के समक्ष सही तस्वीर आनी चाहिए–
नार्थ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जयप्रकाश ने बताया कि शनिवार तक 153 का अंतिम संस्कार हो चुके है। जेपी ने साथ ही ये भी कहा कि सरकार कोरोना से हुई मौत पर राजनीति कर रही है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 300 से ज्यादा मौतें दर्ज हो चुकी है और सरकार के अलग आंकड़े है। इससे संबन्धित सारे डाक्यूमेंट्स एमसीडी के पास है। ऐसे में जरूरी है कि सरकार जनता के सामने सच्चे आंकड़ें रखे जिससे की लोग सतर्क रह सके। साउथ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंजाबी बाग के श्मशान घाट में भी कोरोना से मरने वालों का संस्कार हो रहा है। यहाँ अब तक 72 लोगो का अंतिम संस्कार हुआ है जिनके सभी दस्तावेज हमारे पास है। खैर इससे ये तो साफ़ है कि लोगो को धोखे में रखना गलत है और सही तस्वीर सामने लाना जरूरी है।
- अस्पतालों के मौत के आंकड़ों में भी गड़बड़–
नामी अस्पताल जैसे की ऐम्स और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अब तक 70 मौतें हो चुकी है। जिसमें लोहिया अस्पताल में 52 और 18 ऐम्स में हुई हैं , लेकिन सरकार के हेल्थ बुलेटिन कुछ ओर ही बता रहे हैं। उसके अनुसार आरएमएल में केवल 26 मौतें हुई है। इन दो अस्पतालों के अलावा लोकनायक, राजीव गांधी, लेडी हार्डिंग जैसे अस्पतालों में भी मौत के आंकड़ें कम बताए जाने की बात सामने आई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि ये बाते निराधार है और आंकडें नही छुपाए गये हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़े छुपाए ही नहीं जा सकते। साथ ही ये भी कहा कि मरीज के पॉजिटिव आने या फिर उसकी मौत की जानकारी अस्पतालों को सरकार तक भेजनी होती है। ये जानकारी केंद्र सरकार तक भी जाती है।
- दिल्ली सरकार चुप क्यों है ?
मौत के आंकडें छुपाये जाने की बात सामने आई है तो केजरीवाल सरकार की तरफ से इस पर कोई साफ़ बयांन नही आया है। उन्होंने इस बात का जिम्मेदार अस्पताल को ठहरा दिया है और कोई स्पष्ट उत्तर नही दिया है।
- विपक्ष ने भी किये सवाल–
मौका देखते हुए विपक्ष दिल्ली सरकार पर हमलावर हो उठा। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की अपने को अच्छा बताने के लिए लोगों की मौत से खिलवाड़ कर रही है आम आदमी पार्टी। यह कोरोना के मौत के आंकडें छुपा कर दिखा रही है कि हालात काबू में है लेकिन सचाई कुछ और ही है। साथ ही कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में सुविधाएं भी ठीक से नही है। उनका कहना है की जनता के सामने सच आना चाहिए।
अदिति शर्मा