पैट्रोल-डीजल के बहाने लोगों की आमदनी से अपनी जेब भर रही है सरकार !
बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों से एक तरफ आम आदमी त्रस्त है तो दूसरी तरफ सरकार इससे अपनी जेब भर रही है।

बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों से एक तरफ आम आदमी त्रस्त है तो दूसरी तरफ सरकार इससे अपनी जेब भर रही है। लोकसभा में सरकार ने कहा है कि 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष में पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी से 3.35 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई है, जो कि अबतक का रिकॉर्ड है।
ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने पिछले साल पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को 19.98 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 32.90 रुपए प्रति लीटर कर दिया था। साथ ही डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को 15.83 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.8 रुपए प्रति लीटर किया था। यहां गौर करने वाली बात यह है कि यह बढ़ोतरी ऐसे समय मे की गई थी जब कोरोना महामारी के कारण अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में काफी गिरावट दर्ज की गई थी।
2019-2020 के मुकाबले दोगुना कलेक्शन
सोमवार को लोकसभा में पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि इस बढ़ोतरी की वजह से अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 3.35 लाख करोड़ रुपए रहा। आपको बता दें यह पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के मुकाबले करीब दोगुना कलेक्शन है। बात करें 2019-20 कि तो एक्साइज ड्यूटी का कलेक्शन 1.78 लाख रुपए रहा था। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि लॉकडाउन के कारण तेल की बिक्री में कमी न होती तो यह कलेक्शन इससे भी ज्यादा हो सकता था।
पिछले तीन महीनों में 94,181 करोड़ रुपए का कलेक्शन
लोकसभा में बताया गया कि चालू वर्ष में पिछले तीन महीने के भीतर यानी अप्रैल से जून 2021 कर दौरान एक्साइज कलेक्शन 94,181 करोड़ रुपए रहा है। हालांकि, इसमें पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ एटीएफ, क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस भी शमिल है।