
मोदी सरकार ने हाल ही में कृषि बिल पास किए हैं, जिसका पंजाब, हरयाणा समेत देश भर के किसान जमकर विरोध कर रहे हैं। विपक्ष भी सरकार के इन बिलों के ख़िलाफ़ है और संसद में खूब हंगामा होने के बाद भी ये बिल पास हो चुके हैं। कई विपक्ष के विधायकों को कुछ समय के लिए राज्य सभा से निलंबित कर दिया गया है।
क्या है कृषि बिल?
कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 कानून के मुताबिक अब किसान अपने उत्पाद को नोटिफाइड ऐग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (APMC) यानी तय मंडियों के बहार बेच पाएंगे। इससे किसान अपनी उपज को अपने अनुसार बेच सकते हैं। अब किसानों से उनकी उपज की बिक्री के लिए कोई सेस या फ़ी नहीं ली जायेगी।
आपको बता दें, इसके तहत किसान किसान मंडी या फिर किसी अन्य व्यापारी को अपनी उपज बेच सकेंगे। देश के किसी भी हिस्से में किसान व्यापर कर संकेंगे। ऐसा करने से बिचौलियों को जो लाभ मिलता था, वो नहीं मिल सकेगा।
किसान का विरोध प्रदर्शन
किसानों को डर है कि बिल में सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP को हटा दिया है। लेकिन पीएम मोदी ने इस पर कहा कि msp को खत्म नहीं किया है। किसान इसके अलावा बहार की मंडियों को फसल की कीमत तय करने की परमिशन देने को लेकर आशंकित हैं।अब राज्य सरकारों को डर है कि सीधे किसान निजी ख़रीदार को यदि अपना अनाज बेचेंगे तो उन्हें मंडियों में मिलने वाला टैक्स नहीं मिलेगा। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने कहा है कि किसान खुद से जहाँ बेचना चाहे बेच सकता है, मंडी व्यवस्था भी चालू रहेगी।
मीडिया कर रहा है मुद्दे को नज़रअंदाज़
पंजाब, हरयाणा और वेस्ट उत्तर प्रदेश के किसान इसका जमकर विरोध पिछले कुछ दिनों से कर रहे हैं। इसके अलावा राज्य सभा में भी हाई लेवल ड्रामा हुआ और विपक्ष ने बिल की जमकर आलोचना की। सरकार के इस बिल को पास करने को उद्योगपतियों का फायदा बताया। लेकिन मोदी सरकार इस बिल को किसान की आजादी बता रही है।
वहीँ किसान भी अभी असमंजस में हैं कि बिल किस तरह उनपर असर डालेगा। सरकार का कहना है कि विपक्ष अपने फायदे के लिए किसानों को डरा रहा है। मीडिया हालाकिं इसपर कम कवरेज दे रहा है, कई मशहूर सेलिब्रिटी ने भी बिल पर विरोध जताया।