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लव जिहाद पर लगा गुजरात सरकार को बड़ा झटका
MCC और JUH की गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट (कथित लव जिहाद) में संशोधन विधेयक की धारा 3,4,5,6 पर गुजरात हाई कोर्ट ने स्टे किया।

लव जिहाद एक ऐसा गंभीर मुद्दा है। जिसे लेकर आए दिन कोई न कोई खबर सामने आती रहती हैं। इस प्रकार की समस्याओं पर काबू पाने के लिए गुजरात सरकार ने एक ठोस कदम उठाया कथित लव जिहाद पर लगाम लगाने के लिए गुजरात की विजय रुपाणी सरकार ने 1 अप्रैल 2021 को विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया और राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया। इसके तहत सजा का प्रावधान तीन से लेकर पांच साल तक है। लेकिन बता दें कि लव जिहाद कानून पर हाईकोर्ट के एक बड़े फैसले से गुजरात सरकार को लगा जोरदार झटका।
हाईकोर्ट का लव जिहाद कानून को लेकर गंभीर फैसला
खबरों के मुताबिक हाईकोर्ट ने लव जिहाद कानून की कुछ धाराओं पर रोकथाम लगा दी है. साथ ही साथ इसमें एक धारा एफआईआर (FIR) दर्ज करने को लेकर भी है. सूत्रों के अनुसार हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाते हुए फैसला किया कि जब तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता की किसी लड़की या महीला को लालच देकर या मजबूरी में शादी करने के लिए फंसाया गया है, तब तक पुलिस में केस दर्ज नहीं किया जा सकता है। हालांकि हाईकोर्ट ने यह निर्णय जमीयत उलेमा-ए-हिंद के द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनाया है। जमीयत इस कानून के खिलाफ थे। इसी वजह से कानून पर रोक लगाने की मांग उनके द्वारा लगातार की जा रही थी।
हाईकोर्ट ने इन धाराओं के संशोधन को लागू होने पर रोक लगा दी
जमीयत द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने लव जिहाद कानून की धाराओं- 3,4,5 और 6 में संशोधन करने में रोक लगाने का फैसला किया है। हाईकोर्ट के इस फैसले को लेकर गुजरात की विजय रूपाणी सरकार काफी ना खुश है।
गुजरात सरकार ने लव जिहाद कानून को 15 जून को किया था लागू
अभी कथित लव जिहाद कानून को लागू हुए। तीन महीने भी नहीं हुए हैं और इस कानून का मुद्दा हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है। बता दें कि इस कानून को गुजरात सरकार ने 15 जून को लागू किया था। जिससे लव जिहाद के मामलों पर रोक लगाई जा सके। अब देखना यह है कि हाईकोर्ट के फैसले को लेकर गुजरात सरकार की क्या प्रतिक्रिया होती है।
— मिताली