भारत पर क्यों भड़के हुए हैं अरब के शेख़
पूरी दुनिया जब कोरोना से लड़ रही है, तो वहीं भारत एक दूसरी लड़ाई भी लड़ रहा है। ये लड़ाई उस सोच के खिलाफ है जो भारत के आपसी भाईचारे और सौहार्द के लिए खतरा बनती जा रही है। फिलहाल तक इस नफरत भरी सोच का असर सिर्फ आंतरिक था लेकिन अब इसका असर भारत के विदेशी रिशतों पर भी पड़ने लगा है।

भारत में हर नागरिग को अभिव्यक्ति की आज़ादी (Right to Speak) के तहत बोलने तथा अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन पिछले लगभग एक दशक से हम देख रहे है कि, सोशल मीडिया (Social Media) पर इसका बहुत गलत उपयोग होता चला आ रहा है। एक बहुत बड़ा वर्ग सोशल मीडिया पर सिर्फ भ्रम और फेक नेरेटिव बनाने के लिए ही काम कर रहा है। यहीं नहीं हमारा ‘सो कॉल्ड़’ मीडिया भी एक सोची समझी साजिश के तहत इस काम में लगा हुआ है। ये मीडिया एक विशेष समुदाए के खिलाफ जानबूझ कर फेक न्यूज़ के माध्यम से ऐसी ज़मीन तैयार कर रहा है, जिसमें अब नफरत की फसल उगने लगी है। अंहिसावादी गांधी की इस धरती पर अब भीड़ के नाम पर किसी की भी जान लेना आम बात हो चली है। मॉब लींचिगं (Mob Lynching) अब अपने आप में एक ऐसी न्याय प्रक्रिया बनती जा रही है, जिसमें वहशी भीड़ ही वकील होती है और वही न्यायधीश (Judge) भी। ना जुर्म साबित करने की ज़रुरत होती है न किसी गवाह की। ये भीड़तंत्र वाली अदालत आपको किसी भी गली, चौराहे या फिर किसी भी तातकवर के घर के आंगन लगी मिल जाएगी। समाज को ये सब देन हमारे मीडिया (कुछ टेलिवीजन, अखबार) और सोशल मीडिया की ही है। राजनिति (Poltics) ने अब इन दोनों ही का इस्तेमाल भली भांति सीख लिया है। ये भीड़ ही है जो कभी ज़मीन पर वहशी बनकर इंसान की जान ले लेती है तो कभी सोशल मीडिया पर अभद्रता की हदे पार कर देती है। ये न बुज़ुर्ग देखती है, न ही किसी महिला का सम्मान।
भारत इस नफरत का दंश कई सालों से झेल रहा है, लेकिन अब इसका असर अंतराष्ट्रीय स्तर भी दिखने लगा है। इस डिजिटल वहशी भीड़ की पंहुच अब हमारे पड़ोसी खाड़ी देशों ( Gulf Countries) तक भी पंहुचने लगी है। सउदी अरब, दुबई व क़ुवैत समेत कई मुल्क अब भारत की नफरती भीड़ की मज़म्मत कर रहे है। अब सवाल ये है कि आखिर ये हुआ क्यों। नफरत की चिंगारी आखिर शेखों तक पंहुची कैसे। दरअसल भाजपा ( BJP) के दक्षिण बैंग्लौर लोकसभा सीट से सांसद तेजस्वी सुर्या (Tejasvi Surya), उन्होनें इन खाड़ी देशों को लेकर एक आपत्तीजनक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा था कि “अरब (Arab) देशों में लगभग 100 सालों से 95 प्रतिशत महिलाएं चरम सुख (Orgasm) की प्राप्ति नहीं कर पाई है। वहां पैदा होने वाले बच्चें सिर्फ संभोग (Sex) की देन है, प्यार की नहीं।”
Prime Minister ..
An Indian Member of Parliament accuses Arab women, and we Arabs are asking for his membership to be dropped !!@narendramodi@PMOIndia pic.twitter.com/aQl4XayWZU— عبدالرحمن النصار (@alnassar_kw) April 19, 2020
उनके इस पुराने ट्वीट को लेकर कई अरब दोशों के नागरिक, राजनेता व शाही घरानों से ताल्लुक़ रखने वालों ने इसकी मज़म्मत की। कुछ राजनेताओं ने प्रधानमंत्री को टैग (Tag) कर चेतावनी दी है कि अगर ये इंसान (Tejasvi Surya) भविष्य में कभी भारतीय विदेश मंत्रालय का हिस्सा हुआ तो इसका असर भारत के इन पड़ोसी देशों के रिश्तों पर पड़ सकता है। बाद में तेजस्वी को ये ट्वीट डीलीट करना पड़ा। इतना ही नहीं अरब में काम कर रहे एक युवक ने इस्लाम का मज़ाक बनातो हुए ट्वीट किया, जिसनें आग में घी का काम किया। इस ट्वीट के बाद स्वंम यूएई की राजकुमारी नें इसका संज्ञान लेते हुए, चेताया की सऊदी अरब किसी को भी नफरत फेलाने की इजाज़त नही देता, लिहाज़ा इस तरह का नफरती माहौल यहां पैदा करने की कोशिश न की जाए।
Anyone that is openly racist and discriminatory in the UAE will be fined and made to leave. An example; pic.twitter.com/nJW7XS5xGx
— Princess Hend Al Qassimi (@LadyVelvet_HFQ) April 15, 2020
इस के बाद सऊदी में भारत के राजनायिक पवन कपूर को वचाव के लिए सामने आना पड़ा। पवन कपूर ने वीडियों मैसेज के माध्यम से वहां रह रहे भारतीयों को संस्कार याद दिलाते हुए कहा, कि आप कोई भी ऐसी बात न कहे जिससे भारत–सऊदी के आपसी रिश्तों पर फर्क पड़े। अब इसे इत्तेफाक कहें या कुछ ओर कि 2 दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि कोरोना संकट (COVID-19) की चुनौती सो निपटने के लिए लिए एकता और आपसी भाईचारे की जरूरत है। कोरोना हमला करने से पहले धर्म, जाति, रंग भाषा और सीमाएं नहीं देखता है। इसीलिए हमें इस संकट से एकजुट होकर निपटना चाहिए।
COVID-19 does not see race, religion, colour, caste, creed, language or borders before striking.
Our response and conduct thereafter should attach primacy to unity and brotherhood.
We are in this together: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) April 19, 2020
गल्फ देशों के राजनेताओं की ओर से कुछ पुराने फोटो और वीडियों भी ट्वीट किए गए, जिनमें भीड़ द्वारा मुसलमानों के साथ ज़ुल्म होता दिख रहा है। जिनकी उन्होनें खूब निन्दा की।भारत में पनपी इस वहशी भीड़ ने देश के भाईचारे का तो नुकसान किया ही है लेकिन अब ये विदेशी पटल पर भी भारत के लिए मुश्किल पैदा कर रही है। विदेशी मुल्कों के साथ प्रधानमंत्री मोदी के रिश्तें हमेशा से मधुर रहे है। अंतरराष्ट्रीय नेता बनकर उभरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब व फिलस्तीन और अफगानिस्तान समेत कई देश सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानितकर चुके है। विदेशी मुल्कों से भारत के ऐसे रिश्तों के लिए स्वंम पीएम (PM Modi) और दिवंगत सुषमा स्वराज की सालो की मेहनत है, लेकिन ये रिशतें अब घटाई में पड़ते दिख रहे है। अगर वक्त रहते इस उन्मादी भीड़ का कुछ किया नहीं गया।