पत्नी को छोड़ने के बाद भी, क्या धर्म के चलते गुरु दत्त और वहीदा रहमान की प्रेम कहानी रह गयी अधूरी?
गुरु दत्त ने वहीदा को एक फ़िल्म में देखा और फिर उन्हें मुंबई लाने का फैसला किया। अपनी प्रोडक्शन फिल्म सीआईडी में गुरु दत्त ने वहीदा रहमान को मौका दिया।

बॉलीवुड एक्ट्रेस वहीदा रहमान और गुरु दत्त की कहानी काफी सिनेमा जगत की चर्चित कहानियों में से एक है। वहीदा ने हिंदी, बंगाली, तमिल, मलयालम, तेलुगु भाषाओँ में कई फिल्में की है। लेकिन बॉलीवुड में उन्हें लाने वाले उस दौर के बेहतरीन कलाकार, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर गुरु दत्त थे।
वहीदा को दिया था फिल्मों में मौका
हुआ यूँ कि गुरु दत्त ने वहीदा को एक फ़िल्म में देखा और फिर उन्हें मुंबई लाने का फैसला किया। अपनी प्रोडक्शन फिल्म सीआईडी में गुरु दत्त ने वहीदा रहमान को मौका दिया। उसके बाद दोनों ने 1957 की फिल्म प्यासा में साथ काम किया और इस फिल्म ने मानों उस समय हिंदी सिनेमा में क्रांति ही ला दी थी।
गीता दत्त से शादी के कुछ साल बाद ही गुरु- वहीदा आने लगे थे करीब
गुरु दत्त ने साल 1953 में गीता दत्त से शादी की। उसके कुछ साल बाद ही वहीदा रहमान उनकी जिंदगी में आईं। वहीदा को लेकर उनका अपनी पत्नी गीता से झगड़ा होने लगा और दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगी। 1957 में गुरु दत्त और गीता की शादीशुदा जिंदगी में इतनी दरार आ गयी कि दोनों अलग ही रहने लगे।

जब गुरुदत्त वहीदा के बिना एक फिल्म की कल्पना भी नहीं कर सकते थे
फिर ऐसा टाइम भी आया जब गुरुदत्त वहीदा के बिना एक फिल्म की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। गीता दत्त के साथ-साथ गुरुदत्त और वहीदा के रिश्ते को लेकर वहीदा के परिवार वाले भी खुश नहीं थे। क्योंकि गुरुदत्त हिंदू थे और वहीदा मुसलमान ऐसे में वहीदा को इस रिश्ते का कोई भविष्य नजर नहीं आया। जिसके बाद 1963 में गुरुदत्त ने भी वहीदा को छोड़ दिया। पत्नी और बच्चों से दूर रहना और वहीदा का साथ छोड़ना गुरु दत्त को बर्दाश्त नहीं हुआ।

गुरुदत्त अपनी ढाई साल की बेटी से मिलना चाहते तो गीता साफ़ इंकार कर दिया करती थी। यहां तक कि एक बार गुरुदत्त ने शराब के नशे में अपनी पत्नी को अल्टीमेटम तक दे दिया था, अगर नहीं मिलने दिया तो नेरी लाश देखोगी।
वहीदा ने गुरु दत्त की ख़ुदकुशी पर क्या कहा था ?
रिपोर्ट्स के अनुसार, जब वहीदा रहमान से गुरुदत्त की ख़ुदकुशी का कारण पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि ‘गुरुदत्त की ख़ुदकुशी का कारण कोई नहीं जानता। कुछ लोगों का कहना है कि वह कागज के फूल फिल्म के फ्लॉप होने से डिप्रेशन में थे। मगर मुझे ऐसा नही लगता कि यह उनकी ख़ुदकुशी का कारण हो सकता है। क्योंकि इस फिल्म के बाद उन्होंने चौदहवीं का चाँद बनाई थी जो सुपरहिट रही थी।’
– अदिति शर्मा