
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान (Taliban ) के द्वारा कब्ज़ा किये जाने के बाद से ही लगभाग हर दिन अलग अलग राजनेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। इसी के चलते रविवार को केंद्रीय पेट्रोलियम और गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अफ़ग़ानिस्तान में संकट का उल्लेख करते हुए सिटीज़नशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA को ज़रूरी बताया है। पुरी ने ट्वीट के ज़रिये कहा कि ‘पड़ोसी देश में सिख और हिंदुओं के साथ जैसा बर्ताव हो रहा है उससे पता चलता है कि देश में CAA लागू करना क्यों जरूरी है।’
विपक्षी दालों पर ग़लत जानकारी फैलाने का लगाया आरोप
जहाँ एक ओर 2019 में सीएए के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन पूरे ज़ोर पर था वहीं हरदीप पुरी (Hardeep Puri) का कहना है कि सीएए के कारण देश की धर्मनिरपेक्ष साख पर कोई असर नहीं होगा। विपक्षी दलों पर नए कानून से संबंधित ग़लत जानकारी फ़ैलाने का आरोप भी उन्होंने लगाया। हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट के द्वारा कहा कि विपक्षी दल संशोधित कानून का इस्तेमाल कर सरकार विरोधी अभियान चला कर ग़लत जानकारी फैला रहे हैं और वो भारत के हितों का विरोध करने वाली ताकतों को एकजुट करने और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
अभी नागरिकता कानून के तहत नियमों को अधिसूचित करना बाकी
बता दें कि 2019 में देश में सीएए कानून बना था जिसके फलस्वरूप देशभर में इसका विरोध हुआ। इस कानून के विरोध में दिल्ली का शाहीन बाग इलाक़ा केंद्र बिंदु था। कानून में अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के प्रवासियों के लिए नागरिकता कानून के नियम आसान बनाए गए थे।
इससे पहले नागरिकता के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए भारत में 11 वर्ष रहना जरूरी था। इस समय अवधि को घटाकर 1 से 6 साल कर दिया गया। इस बिल के खिलाफ़ देश के बहुत से हिस्सा में विरोध जताया गया। इस बिल के दोनों सदनों में पास होने के बाद यह अब कानून का रूप ले चुका है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया था।
10 जनवरी 2020 में यह कानून लागू हुआ। हालही में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में यह कहा कि कानून को लागू करने सम्बंधित नियम बनाने के लिए गृह मंत्रालय को 9 जनवरी 2022 तक का समय चाहिए। अभी इस कानून के तहत नियमों को अधिसूचित करना बाकी है और इन नियमों के बनने के बाद पात्र लाभार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।
-भावना शर्मा