विवाद के बाद चीन पड़ा नर्म, अमरीका ने कही ये बात
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कुछ नया नहीं है। पिछले कुछ दिनों में चीन ने न सिर्फ अपनी सेना बढ़ा दी है बल्कि 3 बार झड़प भी हो चुकी है। साथ ही भारत ने जो सड़क निर्माण किया था, वो चीन से बर्दाश्त नही हो रहा है। अब हाल में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच हालात सामान्य है।अमरीका के ट्रम्प ने भी भारत चीन विवाद पर मध्यस्ता करने की बात कही है।

- क्या है तजा तनाव का कारण?
दोनों देशों में टेनशन की शुरुआत उस वक्त हुई जब चीन ने भारतीय सीमा में चल रहे निर्माण कार्य पर विरोध दर्ज कराया। इसके तुरन्त बाद लदाख के लाइन ऑफ़ कंट्रोल LOC में दोनों सेनाए आमने सामने आ गयी थी। चीन कई बार लदाख के कई इलाकों पर अपना दावा करता रहा है।
दरअसल, भारत ने जो नया रॉड बनाया है वह देपसांग और गलवांन घाटी तक पहुंचता है। इस रोड का नाम है, दारबुक–श्योक–दौलत बेग ओल्डी रोड, इसे सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बनाया है। बीआरओ एजेंसी अपने देश के साथ–साथ पड़ोसी मित्र देशों के सीमाई इलाकों में रोड नेटवर्क तैयार करती है। इस रोड के बनते ही चीन के दिमाग में खलबली मच गयी और उसने भारत की ख़िलाफ़ सीमा गतिविधियां शुरू कर दी।
- भारत ने साफ़ किया अपना मत–
पूर्वी लदाख के लाइन ऑफ कंट्रोल तनाव पर भारत ने हाई लेवल मीटिंग की थी। भारत ने साफ़ किया कि भारतीय सीमाओं का सड़क निर्माण जारी रहेगा। साथ ही भारत भी उतनी ही सेना तैनात करेगा जितनी सेना चीन के तैनात की है। इससे चीन को भारत ने सीधा इशारा किया कि भारत झुकने के मूड में नही है। आपको बता दें कि चीन ने भारतीय इलाके में 10 किलोमीटर सीमा रेखा में घुसकर 100 से ज्यादा तंबू गाड़ दिए हैं।
- डोकलाम विवाद के बाद सबसे बड़ी झड़प–
डोकलाम विवाद की शुरुआत हुई 2017 में, जब भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों को डोकलाम में सड़क बनाने से रोक दिया था। चीन के साथ भारत जम्मू–कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किलोमीटर शेयर करता है।
चीन हमेशा अक्साई चीन और अरुणाचल पर सीमा पर भी अपना दावा करता रहा है। डोकलाम विवाद भी ऐसा ही विवाद है, जिस्मे लंबे समय तक दोनों देशों में तनातनी बनी रही। इस इलाके का नाम भारत में डोकलाम है, जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन का कहना है कि डोंगलांग उसके क्षेत्र का हिस्सा है।
आपको बता दें कि डोकलंम विवाद के बाद यह सबसे तनातनी का बड़ा विवाद रहा। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पेंगोंग त्सो झील और गालवान वैली में सैनिक क्षमता बढ़ा दी है। वहीं दूसरी और चीन ने भी इन इलाकों में दो से ढाई हजार सैनिक तैनात किए हैं, साथ ही अस्थाई सुविधाएं भी बढ़ा रहा है।
- भारत की कूटनीतिक जीत–
हालांकि इन विवादों के घटना कर्मो के बाद , अब मामला शांति की तरफ़ बढ़ रही है। तनाव भरे दिनों के बाद चीन ने अब चीन शांति राग अलाप करता नजर आ रहा है। चीन के राजदूत ने मतभेद को शांति से निपटाने पर जोर दिया, और कहा इन मतभेद से आपसी रिश्ते ख़राब नहीं होने चाहिए।
इससे पहले भी चीन ने कहा था कि सीमा के हालात नियंत्रण में है। बता दें , इसे भारत की कूटनीतिक जीत भी बताया जा रहा है। वहीं दूसरी और अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत चीन सीमा विवाद पर कहा है, कि अमरीका दोनों देशों के बीच मध्यस्ता करने के लिए तैयार है।
अदिति शर्मा