प्राण बचाने वाले की ‘जान’ आखिर कौन बचाएगा
एक तरफ जहां स्वास्थयकर्मी कोरोना के इस संकट में ढाल बनकर हमारे साथ खड़े है, ऐसे में उन कोरोना योद्धाओं के साथ बदसलूकी के खबरे आना बेहद निंदनीय है। इसी को देखते हुए सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है।

कोरोना वायरस की इस जंग में डॉक्टर्स और स्वास्थयकर्मीयों की एहम भूमिका है । यह लोग समाज और देश के लिए इस बीमारी के खिलाफ डट कर खड़े है । अपने परवारो की परवाह किए बगैर ये देशहित में वीरो की भांति अग्रसर है। लेकिन कई जगह पर लोग इन पर हमले कर रहे है, जो की बेहद शर्मनाक है । देश के कई राज्यों से स्वास्थयकर्मीयों पर हमले के मामले सामने आए है। मुरादाबाद, इंदौर, कर्नाटका और कई अन्य शहरों से इन पर हमले और बदसलूकी की घटनाएं घटी। कोरोना काल में जब डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मी लोगो की शील्ड बनकर खड़े है। उनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार कतई उचित नहीं।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में डॉक्टरों और नर्सों पर हमले को देखते हुए मोदी सरकार उनकी सुरक्षा के लिए एक अध्यादेश लाई है। इस अध्यादेश के तहत डॉक्टरो व अन्य हेल्थकर्मीयों पर हमला करने वालों को अधिकतम 7 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही सरकार ने देश भर के सभी डॉक्टरों के लिए PPE किट भी उपलब्ध करा रही है। स्वास्थ मंत्रालय के सक्रिय होने के कारण देश में इस बीमारी के खिलाफ जंग में हम आगे बढ़ रहे है। सरकार के इस कदम से साफ़ है कि डॉक्टरों और नर्सो के साथ दुर्व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नही होगा। देशभर में कोरोना तेज़ी से फ़ैल रहा है। ऐसे में जरूरी है की देश का प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे । उन सबके प्रति आदर करे जो दिन रात लोगो की सेवा में लगे है।
लेख– अदिति शर्मा