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जापान के ‘ट्विटर किलर’ टाकाहिरो को दी गयी फांसी की सजा

ट्विटर का इस्तेमाल कर लोगों से सम्पर्क बना के 9 लोगों की हत्या करने वाले शख्स को जापान में फांसी की सजा दी गयी है। लोकल मीडिया के अनुसार इस फैसले को 400 से ज्यादा लोगों ने सुना , जबकि कोर्ट में केवल १६ लोगों के लिए ही जगह थी।

ट्विटर किलर के नाम से प्रसिद्ध टाकाहिरो शिराइशी ताकाहिरो को सीरियल किलिंग के मामले में दोषी पाए जानके के बाद 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उनके घर से मानव शरीर के अंग बरामद हुए थे। जब पूछताछ हुई तो टाकाहिरो ने अपना जुर्म स्वीकार किया की उन्होंने ही हत्याएं की थी, जिसमे से अधिकतर महिलाये थी। टाकाहिरो ने बताया की वो इन औरतों से ट्विटर पर मिले थे।

हाउस ऑफ़ हॉरर क्यों पड़ा नाम?

सीरियल किलर टाकाहिरो ट्विटर के जरिये ऐसी महिलाओं को अपने घर बुलाया करते थे जो अपनी जिंदगी से हारी हुई होती थी। वो महिलाये अपनी जिंदगी ख़तम करना चाहती थी तो टाकाहिरो उनसे कहते थे की वो उनकी मरने में मदद करेंगे और खुद का जीवन भी समाप्त कर लेंगे। इस सीरियल किलिंग का पहला मामला 2017 में टोक्यो के पास जामा में सामने आया जब ताकाहिरो के फ्लैट से मानव शरीर के अंग बरामद हुए थे।
जापान की न्यूज एजेंसी क्योडो से मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त 2017 से अक्टूबर के बिच ताकाहिरो ने 8 महिलाओं और एक आदमी की गला घोंटकर हत्या की और उनके शरीर के अंग भी तोड़ दिए थे, जिसके बाद मीडिया ने इस घर का नाम हाउस ऑफ़ हॉरर रख दिया था।

सुनवाई में क्या हुआ ?

टाकाहिरो ने अपना जुर्म कबूला और अभियोजन पक्ष ने ताकाहिरो के लिए सजा ऐ मौत मांगी। हालाकिं ताकाहिरो के वकील का कहना था की उनकी सजा कम होनी चाहिए क्योंकि यह सहमति से मौत का मामला था। लेकिन बाद में टाकाहिरो ने माना था की उन्होंने बिना सहमति के भी हत्या की थी। मंगलवार को आख़िरकार जज ने फैसला सुनाया और कहा कोई भी पीड़िता हत्या के लिए सहमत नहीं थी। बता दें , जापान एक ऐसा देश है जहां सजा ऐ मौत का समर्थन किया जाता है।

इस मामले का क्या असर हुआ ?

जापान को इस सीरियल किलिंग मामले ने हिला कर रख दिया था। जापानी मीडिया एनएचके के अनुसार पिछले महीने जिस पिता ने अपनी 25 साल की बेटी को खोया था , उन्होंने कोर्ट में कहा था की यदि टाकाहिरो मर भी जाता है तो भी हम उसको माफ़ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा मुझे मेरी बेटी चाहिए। मामले के न्यूज में आने के बाद सोशल मीडिया पर आत्महत्या के मुद्दे पर बहस ज्यादा होने लगी। सरकार ने भी इस मामले पर कानून लेकर आने की बात कही और ट्विटर ने अपनी पालिसी में बदलाव किए। साथ ही यूजर्स से कहा की आत्महत्या को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।

 

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