फिल्मी स्टाइल में हुआ विकास का एनकाउटंर, पुलिस से हुई एक चूक
कानपूर में 8 पुलिसवालों को मरवाने वाला आरोपी विकास दुबे नाटकीय तरीके से उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुआ। फिर उसके बाद आज वो अद्भुत नाटकीय तरीके से आज एनकाउंटर में मारा गया है। पुलिस के मुताबिक, सामने जानवरों का झुंड आने से गाड़ी पलटने के बाद विकास ने पुलिस से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और पुलिस के रिएक्शन में वो मारा गया। अब विकास दुबे के एनकाउंटर पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। जो शायद वाजिब भी है।

कानपुर, दो जुलाई की रात को पुलिस एक एफआईआर पर एक्शन लेते हुए कानपूर के बिकरू गांव गई थी। विकास इसी गांव में रहता था और यहां उसका किले जैसा घर था। विकास को पुलिस की खबर मिल चुकी थी और उसने पुलिस के रास्ते में जेसीबी अड़ा दी थी। पुलिसकर्मी पर विकास और इसके साथियों ने हमला कर दिया था जिससे 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। फिर पुलिस ने दोबारा वहां छापा मारा तो पुलिस ने उसी जेसीबी से विकास का घर उखाड़ दिया। इसी जेसीबी से विकास की गाड़ियां भी चकनाचूर हो गई। पुलिस के मुताबिक विकास के घर में भारी मात्रा में गोला बारूद भी था।
एक–एक कर के विकास के कई साथी एनकाउटंर मे मार गिराए गए
इसके बाद से विकास फ़रार था और कहीं खबर आ रही थी कि विकास दिल्ली में है तो कहीं नेपाल में और अंत में विकास उज्जैन में गुरुवार को मिला। सबसे पहले उसकी खोज में पुलिस ने एनकाउंटर में 3 जुलाई को विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे को मार गिराया था।
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इस दौरान पुलिस ने विकास के गुर्गो और साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया। जिसमें पुलिस ने प्रभात मिश्रा और उआ बउर्फ प्रवीन दुबे को ढेर किया। इससे पहले विकास के भतीजे अमर दुबे को एसटीएफ ने मुठभेड़ में ही मार दिया था। आज निष्कर्ष में विकास दुबे का बर्रा में एनकाउंटर हो गया। 60 से ज्यादा मुकदमे और मर्डर के आरोप वाला आखिर मारा ही गया। पुलिस के सामने भागने की कोशिश की और जवाबी कार्यवाही में मारा गया।
इस एनकाउंटर में नवाबगंज रमाकांत पचौरी के साथ तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हैलट अस्पताल में विकास दुबे को मृत घोषित कर दिया गया। सबसे बड़ा सवाल पुलिस की उस गाड़ी पर उठ रहा है जिससे विकास को कानपुर लाया जा रहा था। बताया जा रहा है कि जिस गाड़ी में विकास सवार था और दुर्घटना हुई गाड़ी भिन्न है।
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद गांव में जश्न का माहौल
हिस्ट्रीशीटर के एनकाउंटर के बाद बिकरू गांव के लोग खुश हैं, वहीं परिवार शोक में डूबा हुआ है। दूसरी तरफ इस एनकाउंटर के बाद से ही राजनितिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं। अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, बल्कि राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। प्रियंका गांधी ने वीडियो जारी कर योगी सरकार पर सवाल उठाये और SC के मौजूदा जज की निगरानी में एनकाउंटर से जुड़े मामले की जांच को कहा।
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यहां अब दो तरह की बात हो रही है कि विकास को मारा जाना गलत है, देश में न्यायपालिका है और ऐसे मुद्दे में पुलिस एनकाउंटर राजनितिक फायदे के लिये किया गया है। दूसरी तरफ ये भी बात उठ रही है कि देश की न्यायिक व्यवस्था इतनी धीमी है कि विकास जैसा आरोपी अब तक जिन्दा घूम रहा था, तो इस सूरत के हिसाब से पुलिस ने उन आठ कर्मियों को इंसाफ दिलाया है।