
भारत ने पिछले कुछ वर्षों से खेलों के क्षेत्र में लगातार शानदार प्रदर्शन किया है। सीनियर और जूनियर दोनों स्तर पर भारतीय खिलाड़ी इन दिनो अपने प्रदर्शन से देश का नाम रौशन कर रहे है। हाल ही में समाप्त टोक्यो ओलंपिक हो या फिर जूनियर लेवल की प्रतियोगिता भारतीय खिलाड़ियों ने देश के लिए कई पदक जीते है। टोक्यो में भारत ने 7 पदक जीतकर अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
युवा प्रतिभाओं को मूलभूत सुविधाओं से वंचित नहीं होने दिया
सरकार द्वारा भी खेलों का स्तर सुधारने और युवाओं में खेलों के प्रति रुचि जगाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है। कुछ साल पहले केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किए गए खेलों इंडिया कार्यक्रम से कई युवा खिलाड़ी निकल कर आए है जिन्होने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार शानदार प्रदर्शन किया है।
भारत सरकार ने बच्चों को खेल से जोड़ने के लिए खेलो इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की | इस कार्यक्रम में छात्रों व खिलाडियों को पंजीकरण करना होता है, जिसके बाद खिलाडियों को अपने खेल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया जाता है | इस कार्यक्रम द्वारा युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करके उन्हें शीर्ष स्तर तक ले जाने के लिए उच्चस्तरीय बुनियादी सुविधाएं और प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है।
खेलो इंडिया कार्यक्रम से खिलाड़ियों को मिला प्लेटफार्म
भारत सरकार ने खेलो इंडिया में के द्वारा कुल 16 खेलो को जोड़ा गया है। इसके अलावा खेलो इंडिया के अंतर्गत अंडर-17 और अंडर-21 में भाग ले सकते है। इसके अंतर्गत हर साल सर्वश्रेष्ठ 1,000 बच्चों को अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं के लिए तैयार करने के लिए 8 साल के लिए 5 लाख रुपए की वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है। खेलों इंडिया के अंतर्गत 3 स्तर पर खेलों का आयोजन किया जाता है। पहला है खेलो इंडिया यूथ गेम्स। दूसरा है खेलों इंडिया युनिवर्सिटी गेम्स और तीसरा है खेलों इंडिया शीतकालीन गेम्स ।
इन खेलो इंडिया का मुख्य उद्देश्य उन खिलाड़यों को प्रेरित करना है, जोकि खेल में निपुण होने के बाद भी आर्थिक कारण से खेल में अपना करियर नहीं बना पाते है, ऐसे खिलाडयों की खोज करके उन्हें विश्व स्तर तक ले जाना है। ऐसे में उम्मीद की जा सकती है की सरकार की मदद और अपने कठिन परिश्रम के बल पर भारतीय खिलाड़ी आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश के लिए अधिक से अधिक पदक जीतने में सफल रहेंगे।