इस फिल्म का रीमेक है सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajut) की आखरी फ़िल्म (Dil Bechara) को देख फैंस और पूरा बॉलीवुड इमोशनल है। सुशांत की मौत के बाद फैंस का दिल असल में बेचारा हो रहा है। डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई सुशांत की दिल बेचारा को फैंस ने बेशुमार प्यार दिया और महज़ कुछ घंटों में फ़िल्म ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। IMDB पर फ़िल्म की रेटिंग 10/10 तक पहुंच गयी थी और अब 9.8 पर है।

फ़िल्म दिल बेचारा (Dil Bechara) जिसमें सुशांत सिंह (Sushant Singh Rajput) के साथ संजना संघी (Sanjna Sanghi) मुख्य भूमिका में हैं और मुकेश छाबरा की बतौर निर्माता पहली फिल्म है। OTT ओटीटी प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर शाम 7:30 बजे 24 जुलाई को रिलीज हुई और दर्शक फ़िल्म पर उमड़ पड़े। फैंस की एक्साइटमेंट के चलते वेबसाइट पर क्राउड इतना ज्यादा होगया कि वेबसाइट कुछ देर के लिए क्रैश ही हो गयी।
दिल बेचारा फ़िल्म की खूब चर्चा हो रही है और दर्शकों से लेकर फ़िल्म क्रिटिक्स खूब तारीफ कर रहे हैं। सुशांत की फ़िल्म दिल बेचारा (Dil Bechara) उनकी मौत के करीब 40 दिन बाद रिलीज हुई और फैंस बहुत भावुक हैं। आपको बता दें कि दिल बेचारा 2014 में आई हॉलीवुड फिल्म ‘The fault in stars’ का रीमेक है। यह फिल्म जॉन ग्रीन की ‘द फाल्ट इन आर स्टार्स ‘ किताब पर आधारित थी जो 2012 में आई थी।
इमोशनल स्क्रिप्ट है दिल बेचारा
फिल्म में दो कैंसर पेशेंट्स हैं जो अलग अलग कैंसर से जूंझ रहे हैं। किजी (Sanjna Sanghi) और मैनी (Sushant Singh Rajput) मुख्य भूमिका में हैं और दोनों एक दूसरे को कैंसर हॉस्पिटल में दिल दे बैठते हैं और किजी अपनी बीमारी के चलते मैनी से दूरियां बनाने की कोशिश करती है।
हालांकि फिल्म में सुशांत जिंदादिल लड़के का रोल निभाते हैं और रजनीकांत के बहुत बड़े फैन हैं। फिल्म में आगे कुछ देर के लिए सैफ अली खान का भी रोल है और इसी तरह ये फिल्म प्रोसीड करती है। फिल्म का संगीत ऐ र रहमान ने दिया है। सुशांत अपने किरदार से लोगों को बहुत कुछ सीखा गये और देखने वालों की आँखें नम हो गयी।
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ज़िन्दगी की हकीकत को बयान करते हैं डायलॉग्स–
फ़िल्म में बहुत से दिल को छू लेने वाले डायलॉग हैं।ये कुछ डायलॉग फ़िल्म में हैं, जिन्हें सुनकर लोग और भावुक हो रहे हैं। जब कोई मर जाता है उसके साथ जीने की उम्मीद भी मर जाती है, पर मौत नहीं आती और उसका समय निर्धारित है। सुशांत (Sushant Singh Rajput) फ़िल्म में खुद को फाइटर बताते हैं – मैं एक फाइटर हूँ और मैं बहुत बढ़िया से लड़ा।
फ़िल्म का डायलॉग – जन्म कब लेना है और कब मरना है ये तो हम डिसाइड नहीं कर सकते, लेकिन कैसे जीना है ये हम डिसाइड करते है ; दर्शकों को बेहद इमोशनल कर रहा है। लोग भारी मन से प्रतिक्रिया दे रहे हैं कि काश सुशांत (Sushant Singh Rajput) आखरी टाइम में इस बात पर थोड़ा ओर सोच लेते तो शायद अपनी ज़िन्दगी को एक मौका और देते और आज अपनी फिल्म की कामयाबी को देखते।
अदिति शर्मा।
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