लॉकडाउन: इंसानियत के आगे कोरोना हुआ बेबस
लॉकडाउन की मुश्किल घड़ी में एक दूसरे का हाथ बटाते हिन्दुस्तानी, न रहे कोई भी भूखा इसीलिए घर घर पहुंचा रहे है ज़रुरतमंदों को भोजन।
कोरोना वायरस एक ऐसी महामारी जिसका संकट दुनिया भर में छाया हुआ है। इस प्रकोप के चलते दुनिया भर में लॉकडाउन है। हमारे देश में भी 24 मार्च से लॉकडाउन की स्थिति है। ऐसे में देश एक मुश्किल दौर से गुज़र रहा है। एक तरफ जहां आर्थिक विकास पर विराम लगा है। वहीं दूसरी तरफ दैनिक मजदूरी पर निर्भर रहने वाले मजदूर इस समय पीड़ा के दौर से गुज़र रहे है। काम धंधा बन्द होने के कारण राशन की किल्लत से दो चार होते ऐसे हज़ारों लोग हमारे आस पास देखे दजा सकते है। इनको केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा भी राहत सामग्री प्रदान की जा रही है लेकिन ऐसे मुश्किल समय में अगर इसके साथ कोई कंधा मिलाकर खड़ा है, तो वो है आमजन। हर गली मोहल्लों में ऐसे ही अनेक लोग आपकों लोगो की मदद करते मिल जाएंगें। ऐसे ही कुछ भले मानस है जो दिल्ली के ओखला में ज़रुरत मंदों को खाना पंहुचा रहे है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य आतिफ रशीद व उनकी टीम घर घर जा कर भूखे लोगों तक खाना मुहैय्या करा रही है।
आतिफ बताते है कि 10 लोगों की उनकी टीम पिछले 30 दिनों से खुद ही खाना पकाते हैँ और लगभग 600 लोगों के लिए प्रति दिन बिना किसी लाइन के ज़रूरतमंद लोगों को यही 10 लोगों की टीम उनके घर तक खाना पहुंचाती है। ग़फ़्फ़ार मंज़िल, हाजी कॉलोनी, नूर नगर, जोहरी फॉर्म, जसोला व ओखला विहार समेत अन्य इलाकों में भूखों तक पक्का हुआ खाना पहुंचा रहे है। हेल्प लाइन के तौर पर जारी किए नंबर 9891690542 पर ज़रुरतमंद शाम 4 बजे से पहले अपनी ज़रुरत बता देते है। तब इनकी टीम खाना तैयार कर निकल पड़ती है इन ज़रुरतमंदों की ओर। बिनी किसी कंट्रीब्यूशन के ये सब खर्च, ये लोग स्वंम खुद की जेब से ही करते है। इसके साथ साथ ये लोग रात में ड्यूटी कर रहे दिल्ली पुलिस व अर्ध सैनिक बल के जवानों के लिए चाय व अन्य ज़रुरी सामान का इंतज़ाम भी करते है। इसके साथ आतिफ की ये टीम लॉकडाउन के दौरान ज़रूरतमंद लोग जो की हॉस्पिटल में ब्लड के लिए परेशान है उनके लिए ब्लड की व्यवस्था भी कर रही है। सेवा भाव रखने वाला ये दल अब तक 16 यूनिट ब्लड डोनेट कर चुके हैँ।