लोक सभा के बाद अब राज्य सभा ने भी पारित किया संविधान संशोधन विधेयक
ओबीसी से संबंधित महत्वपूर्ण 127वें संविधान संशोधन विधेयक को आज संसद की मंज़ूरी मिल गयी है। राज्य सभा से 187 मतों के साथ पारित कर दिया गया है।

ओबीसी से संबंधित महत्वपूर्ण 127वें संविधान संशोधन विधेयक को आज संसद की मंज़ूरी मिल गयी है। राज्य सभा से 187 मतों के साथ पारित कर दिया गया है। इस बिल के अनुसार अब राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बनाने का अधिकार मिल गया है। अब सभी राज्य अपने अनुसार ओबीसी की सूची तैयार कर सकते हैं।
मोदी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध- वीरेंद्र सिंह
इससे पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र सिंह ने बिल पर हुई चर्चा में कहा था कि मोदी सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार ने इस विषय में जिस तरह कदम उठाए हैं, उससे हमारी प्रतिबद्धता साफ़ झलकती है। उन्होंने कहा कि 30 साल पहले 50% आरक्षण की सीमा निर्धारित की गई थी, अब उस पर विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि विपक्ष एक लंबे अरसे से मांग कर रहा है कि राज्यों में आरक्षण की निर्धारित सीमा को खत्म कर दिया जाना चाहिए। कई राज्यों में आरक्षण को लेकर कई आंदोलन भी जारी हैं जैसे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय, हरियाणा में जाट और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किये जा रहे हैं।
सभा में आज वीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस संविधान संशोधन विधेयक के पक्ष में सभी सांसदों से मिला समर्थन स्वागत के योग्य है।
लोक सभा ने सोमवार को दे दी थी मंज़ूरी
लोक सभा ने सोमवार को इस बिल को स्वीकृति दे दी थी। इस बिल (संविधान विधेयक 2021) को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने पेश किया था। इस बिल पर लोकसभा में मतदान के दौरान 385 वोट इसके पक्ष में पड़े जबकी विपक्ष में एक भी मत नहीं पड़ा।
बिना किसी विरोध के पास हुआ बिल
आज राज्य सभा में लगभग 6 घंटे लंबी चली चर्चा के बाद इस 127वें संविधान संशोधन विधेयक 2021 को 187 वोटों के साथ पास कर दिया गया। ख़ास बात यह रही कि आज संसद में बिना किसी हंगामे और विरोध के इस बिल को सर्वसहमति के साथ पारित कर दिया गया है।
-भावना शर्मा