यूनिवर्सिटी के चांसलर ने पीएम से क्यों मांगी माफ़ी
मौलाना आज़ाद नेशनल ऊर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर फिरोज़ बख्त (Firoz Bakht) ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर उनसे माफ़ी मांगी है। साथ ही लॉक डाउन की समय सीमा को और बढ़ाने का आग्रह भी किया।

मौलाना आज़ाद नेशनल ऊर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) के चांसलर (Chancellor) फिरोज़ बख्त ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। जिसके कारण वे विवादों में घिर गए है। इनको साेशल मीडिया पर ट्रॉल भी किया जा रहा है। दरअसल फिरोज़ बख्त ने पीएम से न केवल लॉक डाउन को रमज़ान महीने के बाद ख़त्म करने का आग्रह किया बल्कि देश भर में हुए पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार के लिए माफ़ी भी मांगी है।
प्रधानमंत्री को भेजे खत में फिरोज़ बख्त लिखते है कि “देश में चल रहे लॉक डाउन को 24 मई यानि रमज़ान के अंत तक ना हटाया जाए, क्योंकि 3 मई को अगर लॉक डाउन हटा लिया जाता है तो कोरोना वायरस फिर से फैलने लगेगा”। मुस्लिम समुदाय को इसका ज़िम्मेदार बताते हुए वे लिखते है कि ” लॉक डाउन के हटते ही मुसलमान फिर से बाजारों और मस्जिदों में भीड लगाना शुरू कर देंगे। इफ्तार पार्टी करेंगे और तबलीग जमात (Tabligh Jamat) की तरह सामूहिक रूप से एकत्र हो कर नमाज़ अदा करेंगे। इस तरह से कोरोना के फिर से फैलने का चांस बढ़ जाएगा “
मुसलमानो की निन्दा करते हुए चांसलर बख्त लिखते है कि “मै मुसलमानो की तरफ से माफ़ी मांगता हूं, जिन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति हिंसात्मक रवैया अपनाया।” वहीं ख़ुद को ज़िम्मेदार नागरिक बताते हुए वे लिखते है कि “मै उन सभी मुस्लिम्स की तरफ से भी माफ़ी मांगता हूं जिन्होंने क्वारेंटीन (Quarantine) के दौरान नर्स, डॉक्टर्स और सफाई कर्मियों से बदतमीज़ी की।” साथ ही वे लिखते है कि “शर्म के मारे मेरा सर झुक गया, जब मैंने तबलीग़ जमात वालों द्वारा हुए थुके जाने, नर्स के साथ छेड़ छाड़ और गाली गलौच तथा पेशाब से भारी बोतल डॉक्टर्स पर फेंके जाने वाले मंज़र देखे।“
इस पत्र के बाद वे एक विशेष समुदाय के निशाने पर आ गए है। फिरोज़ सोशल मीडिया पर भी ट्रॉल किए जा रहे है। दरअसल फिरोज़ बख्त ने अपने पत्र में कुछ ऐसे बातों का ज़िक्र किया है जो फेक न्यूज साबित हुई। जैसे जमतियों द्वारा डाक्टर और पुलिस पर थूका जाना और हॉस्पिटल में नर्स के साथ छेड़ छाड़ का मामला। फिरोज़ बख्त इससे पहले भी कई विवादों में रह चुके है। कुछ वक़्त पहले उन्होंने ख़ुद के मौलाना आज़ाद के पौत्र होने का दावा किया था जो झूठा साबित हुआ। इसके अलावा भी वे कई ऐसी कंट्रोवर्सी में (controversy) पड़ चुके है।