मार्क ज़ुकेरबर्ग ने क्यों किया कपिल मिश्रा और दिल्ली दंगों का ज़िक्र
अपने कर्मचारियों से बातचीत करते हुए फेसबुक CEO मार्क ज़ुकेरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने इसी साल दिल्ली में भड़की हिंसा का ज़िक्र करते हुए कहा कि हाल ही में भारत में हुई हिंसा के पीछे फेसबुक पर की गई भड़काऊ पोस्ट थी।

जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिका के लगभग 120 शहरों में दंगे और अशांति फैली है। दरअसल जॉर्ज अमेरिकी पुलिस द्वारा नस्लभेदी हमले का शिकार हुआ। वायरल वीडियो में देखा गया कि किस तरह बेरहमी से उसकी हत्या की गई। इसके बाद से ही अमेरिका में पुलिस प्रशासन व ट्रंप की सत्ता की खिलाफ़ लोगों में रोष है।
इतना ही नहीं इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों और जॉर्ज की हत्या को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने कई विवादित बयान भी दिए, जिससे वहां के लोगों में और गुस्सा फूटा। ट्रंप के इन्हीं बयानों को लेकर फेसबुक कंपनी में दो फाड़ नज़र आ रहे है। कुछ कर्मचारी ट्रंप के इन बयानों का विरोध कर रहे है जबकि कुछ इनसे सहमत नज़र आ रहे है। इसकी को लेकर फेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकेरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने अपने कर्मचारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की।
वीडियो कॉन्फ्रंस की लीक हुए ऑडियो से पता चला कि, एक कर्मचारी ने फेसबुक पर की गई पोस्ट से हिंसा भड़कने की शंका जताई। इस पर ज़ुकेरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने अपने स्टाफ को आगाह करते हुए कहा कि अगर कोई इंसान हिंसा और अशांति फैलाने जैसी पोस्ट करता है तो हमें उस कंटेंट को बिल्कुल बढ़ावा नहीं देना चाहिए। साथ ही उन्होंने फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा की और इशारा करते हुए कहा कि, इसी प्रकार भारत में कुछ ऐसे मामले सामने आए जहां कुछ शरारती तत्वों ने भड़काऊ पोस्ट कर दंगों को हवा दी।
उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत में एक व्यक्ति ने पुलिस से कहा था कि अगर सड़क पर विरोध कर रही महिलाओं को पुलिस नहीं हटा पाती तो फिर हमारे समर्थक सड़कों पर आयंगे और रास्ते खाली कराएंगे। जुकरबर्ग ने कहा कि ये एक तरह से सीधा अपने समर्थकों को दंगा करने के लिए आमंत्रित करना था, इसीलिए हमने उस कंटेंट को फेसबुक से हटा लिया था। हमें इन सब बातों का आगे भी ख्याल रखना होगा।
हालांकि मार्क ज़ुकेरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन ये साफ है कि उनका इशारा भाजपा नेता कपिल मिश्रा की ओर था। जिन्होंने 23 फरवरी को दिल्ली पुलिस अफसर की मौजूदगी में ऐसी धमकी दी थी। जिसके बाद पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे। जिसमे 50 से ज़्यादा लोग मारे गए थे। वहीं सैकड़ों मकान जलने से हज़ारों लोग बेघर हो गए थे। किन्तु कपिल मिश्रा समेत कई भड़काऊ भाषण देने वालों पर आज तक कार्यवाई नहीं हुई।