मध्य प्रदेश उपचुनाव: बीजेपी के 14 मंत्रियों को हाई कोर्ट के नोटिस, जानें क्या है मामला?

मध्य प्रदेश में आने वाले दिनों में उपचुनाव होने वाले हैं। इससे संभंधित एक खबर सामने आयी है, जिसके मुताबिक सीएम शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट के 14 मंत्रियों को राज्य मध्य प्रदेश की हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। छिंदवाड़ा की अधिवक्ता आराधना भार्गव ने इस्तीफा देने वाले 14 विधयकों को मंत्री बनाए जाने वाली बात पर याचिका दायर की है।
याचिकक्रर्ता ने संविधान का दिया हवाला
याचिकाकर्ता भार्गव ने उपयुर्क्त प्रकिया को अनुचित और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय संविधान के आर्टिकल 164(4) का उलंघन है। साथ ही इसके बाद याचिका में मेंशन किए गए सभी मंत्रियों को ससपेंड करने की मांग की गयी है। इस मामले की अगली सुनवाई संभवत 144 दिसंबर को होगी।
सीएम समेत कई बड़े बीजेपी नेताओं को नोटिस
बता दें कि मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल , विधानसभा अध्यक्ष और निर्वाचन आयोग समेत 14 अन्य मंत्रियों को नोटिस जारी किए गए हैं। दूसरी तरफ सभी राजनितिक दल उपचुनाव में 28 सीटों पर पकड़ बनाने के लिए आजमाइश कर रहे हैं। इसके चलते ही सोमवार को सीएम शिवराज का सांवर तहसील में रोड शो हुआ, जिसमें बीजेपी के कुछ नेता कोविड प्रोटोकॉल का उलघंन करते पाए गए। बीजेपी नेता दिनेश भावसार पर कोविड नियमों का उलघंन करने के चलते उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गयी है।
पूर्व मुख्यंमत्री कमलनाथ की फिसली जबान
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश उपचुनाव के प्रचार जोर–शोर से चल रहे हैं और इस दौरान नेताओं की जुबान भी खूब फिसल रही है। बता दें, पूर्व सियाम कमलनाथ ने एक सभा में मंत्री इमरती देवी को आइटम कह दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी ने उनके इस व्यवहार को गलत बताया। उनका ऐसा कहने के बाद से सियासी भूचाल भी मच गया है।
साथ ही सीएम शिवराज और भाजपा सांसद ज्योतिरादिया सिंधिया ने उनके इस बयान की निंदा की और 1 घंटे का मौन भी रखा। इसके अलावा उनपर जुबानी तंज भी कसे गए जिसके बाद कमलनाथ ने स्पष्ट किया कि वो किसी की भावना को ठेस नही पहुचाना चाहते थे।