कोरोना से जंग में नदीम रहमान ने कैसे कर दी भारत की राह आसान
कोरोना वायरस से जूझ रहे भारत के लिए एक राहत की ख़बर आई है। डॉ. नदीम रहमान ने रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट तैयार की है। जिसमे पैसा और वक्त दोनों की बचत होगी। एक तरफ जहां सारी दुनिया कोरोना के फैलते संक्रमण से परेशान है। वहीं दूसरी तरफ सभी देश इस पर होने वाले खर्च से भी बेहाल है। लेकिन अब भारत के लिए कोरोना से जंग और आसान होने वाली है।

- भारत में तैयार होगी दुनिया की सबसे सस्ती और कम समय में कोरोना की जांच करने वाली किट। न्यूलाइफ केयर (Nu Life Care) कंपनी के निदेशक डॉ. नदीम रहमान ने रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट तैयार की है। इस किट (AbCheck Kit) की मदद से भारत अब पहले से ज़्यादा कोरोना के टेस्ट कर पाएगा।
नोएडा स्थित एक कंम्पनी ने दावा किया है, कि उन्होने कोरोना (Corona) टेस्ट के लिए एक (AbCheck) किट तैयार की है जिसकी क़ीमत बेहद कम है। इस महामारी से निपटने के लिए भारत अभी विदेशी किट का उपयोग कर रहा है। भारत अभी तक ये सभी किट चीन, जर्मनी, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका से खरीद रहा है, जिनकी कीमत बहुत ज्यादा है। लेकिन डॉ. नदीम रहमान (Dr. Nadeem Rehman) ने भारत के लिए ये मुश्किल आसान कर दी। न्यूलाइफ केयर (NuLife Care) कंपनी के निदेशक डॉ. रहमान द्वारा तैयार की गई इस किट कीमत 500 रुपये के आस–पास होगी। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानि IMCR की ओर से अनुमति मिलने के बाद कंपनी की नोएडा सेक्टर-7 (Noida Sector-7) स्थित तीन लैब में किट के उत्पादन का काम शुरू हो गया है। इस रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट से कोरोना संक्रमित व संदिग्धों की जांच रिपोर्ट 5 से 15 मिनट में सामने आ जाएगी। जिससे भारत कम समय में ज्यादा टेस्ट कर कोरोना को रोकने में कामयाब हो पाएगा। भारत में अभी तक कोरोना संक्रमित व संदिग्धों की जांच के लिए हॉस्पिटल सिर्फ रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन अथवा आरटी–पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट किट पर ही आश्रित है, जिसमें इस बात की जानकारी डॉक्टरों को हासिल करनी पड़ रही है कि व्यक्ति में कोरोना वायरस मौजूद है या नहीं। इसके लिए इंसान के रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट, थ्रोट स्वेब या नाक के अंदर वाले हिस्से से सैंपल लिया जाता है। जिसकी रिपोर्ट में डॉक्टरों को 24 से 48 घंटे में रिज़ल्ट प्राप्त होती है, लेकिन रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट में ब्लड का इस्तेमाल होता है, ताकि वायरस के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सकेगा। नोएडा स्थित कंपनी में तीन लैब डी-5, डी-18, डी-22 है। प्रत्येक लैब में 45 से 50 कर्मचारियों की जरूरत है। जिसके लिए कंपनी ने लॉक डाउन के दौरान शासन व प्रशासन से सहयोग मांगा है। नोएडा प्रशासन से अनुमति मिलने बाद कंपनी का दावा रहै कि वे एक दिन में लगभग 60 हज़ार किट तैयार पाएंगे। इस काम में डॉ. रहमान के साथ डॉ. शालिनी शर्मा, डॉ. अब्बास, डॉ. अफीफा, डॉ. शीलू और डॉ. ज़हीर अहमद भी सहयोग कर रहे है।