कौन है नक्सली हमले का मास्टरमाइंड , जिस पर पुलिस ने रखा 40 लाख का इनाम?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आज माओवादी हमले में शहीद हुए जवानों को दी श्रद्धांजलि। शनिवार को नक्सलियों में हमले में 22 जवान शहीद हो गए और 31 जवान घायल हुए थे।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ के दौरान 22 जवान शहीद हो गए और 31 जवान ज़ख्मी रूप से घायल हुए। सुरक्षाकर्मियों द्वारा सुकमा बीजापुर बॉर्डर पर चलाये गए ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने अचानक देश के जवानों पर हमला कर दिया जिसमें कई जवान शहीद हो गए।
नक्सली हिंडमा ने कराया हमला ?
आपको बता दें कि इस हमले के बाद से आशंका जताई जा रही है कि इस हमले के पीछे नक्सली हिंडमा उर्फ़ हिंडमाना का हाथ है, जो कि छत्तीसगढ़ के जंगलों में छिपा हुआ है। साथ ही ऐसी भी खबरे सामने आ रही हैं कि जिस इलाके में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन चलाया था वहां हथियारबंद नक्सलियों का एक ग्रुप पहले से मौजूद था। उन्होंने पहले से ही हमले की स्ट्रेटेजी तैयार की हुई थी जिसका पता जवानों को नहीं था।
कौन है हिंडमा ?
बात करें हिड़मा की तो इसे संतोष उर्फ़ इंदमुल उर्फ़ पोडोयम भीमा जैसे नामों से जाना जाता है। हिड़मा इससे पहले भी दक्षिण बस्तर में कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। बताया जा रहा है कि हिड़मा सुकमा जिले के पुआरती गांव का रहने वाला है। इसके आलावा हिड़मा के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उसने 90 के दशक में नक्सली संगठन ज्वाइन किया था। और साथ ही यह भी सामने आ रहा है कि हिंडमा People’s Liberation Guerrilla army’s का बटालियन चीफ है और फ़िलहाल इस ग्रुप में 180-250 नक्सली हैं। बता दें इस ग्रुप में महिला नक्सली भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक बीजापुर में हुए दर्दनाक हमले को अंजाम हिंडमा और उसके ग्रुप के सदस्यों ने किया है।
कितना खतरनाक है हिड़मा
मौजूदा जानकारी के मुताबिक हिंडमा Maoists Dandakaranya Special Zonal Committee (DKSZ) का सदस्य भी है। साथ ही हिड़मा ने साल 2010 में हुए ताड़मेटला में हुए हमले में जिसमें 76 जवानों की जान गई थी, उसमे भी अहम् भूमिका निभाई थी। 2013 में हुए झीरम हमले का मास्टरमाइंड भी हिड़मा ही था। झीरम हमले में तमाम बड़े कांग्रेसी नेताओं समेत 31 लोगों की जान चली गयी थी। साथ ही वर्ष 2017 में बुरकापाल में हुए हमले को भी अंजाम हिड़मा ने दिया था और इस हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे।
पुलिस के सामने बड़ी चुनौती
इसके अलावा पुलिस के लिए इसे पकड़ना चुनौती इसलिए भी है क्योंकि फ़िलहाल पुलिस फोर्स के पास इसकी कोई भी तस्वीर नहीं है। क्योंकि हिंडमा को अरेस्ट करना बहुत जरूरी है तो पुलिस ने इसके सिर पर 40 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हर साल जनवरी से जून महीने के बीच ये नक्सली अपना Tactical Counter- Offensive Campaign (TCOC) चलाते हैं और इसमें ये सुरक्षाबलों पर जानलेवा हमले करते हैं।