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कश्मीर मामले पर मुस्लिम देशों ने जताई चिंता, OIC ने भारत को दी चेतावनी
मुस्लिम देशों के संगठन आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इस्लामिक कॉपरेशन ने कश्मीर के मुद्दे पर आपातकालीन बैठक बुलवाई और कुछ अहम फैसले सुनाए। इस बैठक में विदेश मंत्रियों के साथ कांटेक्ट ग्रुप जो कश्मीर के लिए 1994 में बना था वह शामिल हुआ। बैठक ने कहा कि कश्मीर में जो 5 अगस्त 2019 में नए नियम लागू किये गए हैं, वो सयुंक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उलंघन है और इसलिए भारत सरकार को इसपे रुख बदलने की जरूरत है।

ओआईसी OIC ने कहा कि वो कश्मीर में संवेदनशील हालात को देख उसपर शांति का रास्ता बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू कश्मीर की जनता के मानवाधिकारों के साथ समझौता करना गलत है। बैठक में कहा गया कि 5 अगस्त को 370 धारा हटने के बाद हालात बद्दतर हुए हैं जिसको लेकर इस बैठक में चिंता जाहिर की गई।
ओआईसी ने भारत से पांच बातों की मांग की है
- इसमें सबसे ज्यादा कश्मीर की आवाम को सुनने की बात पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत, घाटी में एकतरफा गैरकानूनी कार्यवाही को रद्द करे और कश्मीर की जनता को सयुंक्त राष्ट्र के नियमों के अनुसार फ्रीडम दे।
- कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन पर पुनः विचार करने की मांग की है। लोगों से सरकार बातचीत करे और वहां से लॉकडाउन जो की अमानवीय तरिके से लगा है उसे हटाया जाए। साथ ही आर्मी की घेराबंदी को भी कम किया जाये।
- जिन लोगों को घाटी में गैरकानूनी तरिके से हिरासत में लिया गया है, उन्हें रिहा किया जाये। इसके साथ जनता को मौलिक अधिकार से वंचित ना रखा जाए।
- साथ ही जो कश्मीर में आबादी के कानून में बदलाव के बारे में सोचा जा रहा है उसे रोका जाए क्योंकि ये जिनेवा कन्वेंशन के नियमों का उलंघन है।
- इंटरनेशनल मीडिया और ओआईसी जैसी आर्गेनाइजेशन को कश्मीर में रिपोर्टिंग करने की छूट दी जाये। मीडिया को घाटी में किसी तरह की रिपोर्टिंग करने के लिए कोई रूकावट पैदा न की जाये। OHCHR को मानवाधिकार हनन के इंडिपेंडेंट जांच करने की इजाजत दी जाये जिससे जनता का भरोसा वापिस लौटे।
पिछले साल कश्मीर में 370 धारा के हटने के बाद से ही पाकिस्तान ने OIC से एक सख्त कार्यवाही करने के लिए दबाव बनाया था। लेकिन तब सऊदी ने इसपर कुछ नहीं कहा था और UAE ने भी इसे भारत का आंतरिक मामला बताया था। लेकिन अब OIC का इस तरह से भारत से जवाब मांगना मुश्किलें पैदा कर सकता है। भारत चीन सीमा विवाद के बीच OIC का ये फैसला देश के लिए अच्छा नहीं है। वहीं पाकिस्तान इसे अपनी जीत मान रहा है।