
भारत पाकिस्तान बंटवारे के दौरान सैकडों परिवार एक सीमा खिंचने के कारण बिछड़ गये। एक ऐसी ही बिछड़ी धपिया बाई उर्फ़ आयशा 73 साल बाद अपने परिवार को ढूढंने में कामयाब हुई। जब धापिया 13 साल की थी, तो अपने परिवार से उसका बंटवारे के वक्त साथ छूट गया और वो पाकिस्तान रह गयी।
धापिया ने की पाक में शादी
धापिया ने अपने 86 साल के जीवनकाल में बहुत बुरा समय देखा। उनके नाम से लेकर धर्म सब कुछ बदल गया। इतना ही नहीं केवल एक बैल के लिए उन्हें बेच दिया गया था। हालांकि जिस शख्स को उन्हें बेचा गया था, वो एक फ़रिश्ते से कम न साबित हुआ। उसने धापिया बाई से शादी की और उन्होंने ख़ुशी–ख़ुशी पाकिस्तान में अपना जीवन बसर किया।धापिया ने शादी के बाद तीन लड़को और चार बेटियों को जन्म दिया।
परिवार की याद हमेशा आती थी
वो अपने नए परिवार के साथ खुश थी, लेकिन असली परिवार को भी काफ़ी याद करती थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इतने लंबे समय के बाद धापिया को अपने मेघवाल परिवार के बारे में पता चल गया है। फ़िलहाल धापिया का यह परिवार बीकानेर में रहता है, खोजू राम, कालू राम उनके भाई के पौते है, जिनसे धापिया ने बात की। उन्होंने अपने भाई के पौतों से व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर बात भी की, जिसके बाद से वो बहुत ही खुश हैं।
Youtube से मिली काफी मदद
दरअसल धापिया बाई ने अपने परिवार से मिलने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। वो वहां के अख़बारों में विज्ञापन तक दिया करती थी। इसी बीच पाकिस्तानी युट्यूबर मोहम्मद आलमगीर ने उनका इंटरव्यू किया और वीडियो अपलोड कर दिया। उन्होंने वीडियो में बताया कि 73 साल पहले 1947 के बंटवारे के दौरान वो पाक रह गयी थी, और परिवार भारत चला गया था।
दिल्ली के जैद ने भारत में लगाया परिवार का पता
दिल्ली में जैद मोहम्मद जिन्हें इस तरह की बंटवारे की कहानियों से लगाव था उन्होंने वीडियो देखा। वीडियो में बीकानेर का जिक्र और धापिया के भाइयों के नाम बताये गये थे। जैद ने इस सिलसिले में बीकानेर के कुछ लोगों से बात की। जिसके बाद उस इलाके के सरकारी दफ्तर के कागज ढूंढकर उनके नामों को तलाशा गया। जिसके बाद धापिया के परिवार वालों का नाम और पता सब मैच हो गया।
धापिया के परिवार के सदस्यों ने कहा कि उनके पूर्वज इस बात का जिक्र करते थे कि उनके बहन पाकिस्तान में छूट गयी, जिसे उन्होंने बहुत तलाशा लेकिन कोई खबर नहीं मिली। अब वीडियो काल पर बातचीत के बाद धापिया और उनका मेघवाल परिवार बहुत खुश है। नम आँखों के साथ धापिया ने कहा कि मैंने लोगों को पैसे घी तक का लालच दिया कि मेरे परिवार को ढूंढ दो।