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क्या है वंदे भारत ऑपरेशन, कैसे ऑपरेट करेगा भारत

  • भारत ने की वंदे भारत ऑपरेशन की शुरुआत
  • इस ऑपरेशन के ज़रिए विदेश में फंसे भारतीयों को लाया जाएगा स्वदेश
  • लगभग 1.4 करोड़ भारतीय नागरिकों को लाया जाएगा वापिस

कोरोना वायरस के चलते दुनिया के बाकी देशो में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए भारत सरकार ने वंदे भारत मिशन शुरू किया है। इस मिशन को दुनिया का सबसे बड़ा प्रत्यावर्तन बताया जा रहा है। एक अनुमान के हिसाब से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लगभग 1.4 करोड़ भारतीय नागरिक रहते हैं और इनमें से बड़ी संख्या में लोग इस बुरे वक्त में अपने देश लौटना चाहते हैं। यही वजह है कि यह मिशन इसीलिए महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

1990 के खाड़ी युद्ध के बाद ये सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन बताया जा रहा है। खाड़ी युद्ध के वक्त 1.70 लाख भारतीय एयरलिफ्ट किए गए थे। इस मिशन को दो चरणों में विभाजित किया गया है। साथ ही इस मिशन में गर्भवती महिलाओं आर बुजुर्गो को प्रथमिकता दी जा रही है।वंदे भारत मिशन के तहत घर वापस आ रहे भारतीयों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके अलावा इन्हें 14 दिन के सेल्फ क्वारैंटाइन में भेजा जा रहा है।

पहले सप्ताह में 12 से 15 हजार लोगों की घर वापसी होगी। मिशन की शुरुआत 7 मई को हो चुकी है। पहल खाड़ी देशों से हुई जिसमें फ्लाइट सबसे पहले अबु धाबी से  181 भारतीयो के लेकर कोच्ची पहुँची। और दूसरी फ्लाइट से दुबई से 182 यात्रियों को लेकर कोझिकोड लाया गया। इसी तरह मिशन के दूसरे दिन यानिकि 8 मई को 5 फ्लाइट्स चली। जिसमे सिंगापुर, बहरीन, दुबई, रियाद जैसे देशों से भारतीयो को लाया गया। वहीं दूसरी ओर स्टूडेंट्स को पडोसी देश बांग्लादेश के ढाका से श्रीनगर पहुँचाया गया। इससे इन दो दिनों में लगभग 1400 भारतीयों को सुरक्षित घर पहुँचा दिया गया है।

बता दें कि केवल उन्हीं लोगो को एयरलिफ्ट किया जायेगा जिनमे कोरोना के कोई भी लक्षण नही होंगे। इसके अलावा इस यात्रा में आने वाले लोगो को शुल्क भी देना होगा। इस महा मिशन में 64 विमान उड़ान भरेंगे और लगभग 1.90 लाख लोगों को स्वदेश लाने की तैयारी की गई है। सूत्रों के अनुसार अभी इस मिशन का ओर विस्तार किया जायेगा। दूसरे चरण में एशियाई देशों के अलावा यूरोपियन यूनियन के देशों से भारतीयों की वापसी होगी। अन्य देश जैसे की उज़्बेकिस्तान, कजाखस्तान और थाईलैंड से भी फंसे भारतीय लाये जाएंगे।

समुद्र सेतु ऑपरेशन

समुद्री रास्ते भी भारतीय नागरिकों की घर वापसी के लिए भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन समुद्र सेतु की शुरुआत की है। इसका आगाज़ भी शुक्रवार को मालदीव से हुई। लगभग 1,800 से 2,000 भारतीयों को दो पोतोंआईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर से वापस लाया जाएगा। इन दोनों पोतों की कुल चार यात्राएं होंगी। भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस जलाश्व लगभग 700 लोगों के साथ शुक्रवार दोपहर माले से कोच्चि के लिए रवाना हो गया था।

कोरोना संकट में ये एयर इंडिया के क्रू मेंबर्स भी कोरोना योद्धा ही है। ये कोरोना योद्धा इस महामारी के बीच दुनिया के विभीन्न हिस्सो में जा रहे हैं और अपनी सेवा से लोगो की घर वापसी करवा रहे हैं। यह देशहित में बहुत ही बड़ा योगदान है।

अदिति शर्मा

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