क्या आप जानते हैं ‘Karimul Haque’ के बारे में, जिनसे प्लेन से उतरते ही गले मिले पीएम मोदी?
चुनाव प्रचार के लिए आज पीएम मोदी बंगाल के सिलीगुड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने प्लेन से उतरते ही एयरपोर्ट पर समाजसेवी कारीमुल हक़ को गले लगा लिया। यह तस्वीर काफी वायरल हो रही है।

पश्चिम बंगाल में इन दिनों मतदान चल रहा है और पीएम मोदी से लेकर ममता बनर्जी खूब रैली कर रहे हैं। इसी बीच आज पीएम मोदी चुनाव प्रचार के लिए सिलीगुड़ी पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजसेवी कारीमुल हक़ से मुलाकात की, जिन्हें लोग बाइक एम्बुलेंस दादा के नाम से भी जानते हैं।
West Bengal: Padma awardee Karimul Haque, also known as ‘Bike Ambulance Dada’ met PM Modi upon his arrival at Bagdogra Airport, today
Haque was awarded Padma award for his unique way of social service by ferrying patients to medical facilities on his motorbike in Jalpaiguri Dist pic.twitter.com/nFj8YKCPID
— ANI (@ANI) April 10, 2021
कौन हैं बाइक एम्बुलेंस दादा ?
बता दें पीएम मोदी ने जिस शख्स को हवाई अड्डे पर गले लगाया, वो एक मशहूर समाजसेवी हैं। करीमुल हक, पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित हैं और जलपाईगुड़ी इलाके में उनकी पहचान ‘बाइक एंबुलेंस दादा’ के रूप में है।
ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने गंभीर रूप से घायल और बीमार लोगों को तुरंत और वक्त रहते अस्पताल पहुंचाने के लिए अपनी खुद की बाइक को एम्बुलेंस के रूप में बदल दिया था। जिसके बाद से वो जलपाईगुड़ी एरिया के सैकड़ों मरीजों को समय पर हॉस्पिटल पहुंचाकर, उनकी जान बचा चुके हैं। उनके इस इंसानियत के काम के लिए उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
कैसे आया बाइक एंबुलेंस दादा बनने का आइडिया?
हुआ यूँ कि एक बार करीमुल हक चाय बागान में काम कर रहे थे, तभी अचानक उनके एक साथी की तबियत बिगड़ गयी और वह वहीं पर निढ़ाल होकर गिर गया। जिसके बाद उन्होंने अपने साथी को समय से अस्पताल पहुंचाने के लिए, एम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन एम्बुलेंस को आने में काफ़ी वक्त लग रहा था। यह देखते हुए समाजसेवी करीम ने साथी को अपनी पीठ से बांधा और तीसरे साथी की मदद से बाइक चलाकर करीब 45 किमी दूर अस्पताल ले गए। ऐसा करने से वो टाइम से अपने साथी को अस्पताल पहुंचा पाए और उसकी जान बच गयी। इस घटना के बाद से ही उन्होंने बाइक एम्बुलेंस शुरू कर लोगों की सेवा करना शुरू कर दिया।
इतने लोगों की बचा चुके हैं जान
आपको बता दें समाजसेवी करीमुल हक की बाइक एंबुलेंस अब इलाके में तो मशहूर हो ही चुकी है और उनकी लोग खूब प्रशंसा करते है। जिन इलाकों में वो लोगों को मदद पहुंचाते हैं वहां की सड़के काफी खराब हैं जिस कारण एम्बुलेंस को आने में देर लग जाती है।
तो अब जब भी कोई मरीज गंभीर स्थित्ति में होता है तो लोग करीमुल हक को मदद के लिए फोन करते हैं और वे तुरंत बाइक लेकर उनके घर पहुंच जाते हैं।
अब तक करीमुल हक तकरीबन 5,000 मरीजों की जान बचा चुके हैं। फ्री बाइक एंबुलेंस सर्विस देने के साथ-साथ वे गांव वालों को फ्री फर्स्ट ऐड की ट्रेनिंग का कार्यक्रम भी चला रहे हैं।