क्या प्लाज़्मा थेरैपी के ज़रिए मुमकिन होगा कोरोना का इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO दुनिया के चेतावनी दे चुके है कि कोरोना से जारि ये लड़ाई लम्बे समय तक चलेगी। क्योंकि कोरोना के इलाज के लिए बन रही वैक्सीन में अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। ऐसे में कान्वलेसन्ट प्लाज़्मा थेरैपी ही फिलहाल के लिए एकमात्र अस्थाई उपाय है।

दुनिया भर में फैली इस कोरोना रूपी महामारी से बचने के लिए अनेक प्रयास हो रहे है। यह संक्रमण इसलिए खतरनाक है क्योंकि अब तक इस बीमारी के लिए कोई टीका (Vaccine) उपलब्ध नहीं ह। अमेरिकी यूनीवर्सीटी ऑफ मैरीलैंड के प्रोफेसर डॉ फहीम यूनस का कहना है की कोरोना का टीका उपलब्ध होने में 12 से 18 महीने लग सकते है। ज़ाहिर है यह बहुत ही लंबा समय है। ऐसे में प्लाज्मा थेरैपी के सफल निरीक्षण से, इस बीमारी से जूंझ रहे लोगो के लिए अच्छी खबर आई है। दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में हुए ट्रायल में मरीजो की हालत में सुधार आया है। अब इस थेरेपी को दुसरे राज्यो में उपयोग में लाया जाएगा।
- क्या है प्लाज्मा थेरैपी
कान्वलेसन्ट प्लाज्मा थेरेपी इस धारणा पर काम करती है कि वे मरीज जो किसी संक्रमण से उबर चुका है उकसे शरीर में संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाते हैं। इसके बाद नए मरीजों के खून में पुराने ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर इन एंटीबॉडीज के जरिए नए मरीज के शरीर में मौजूद वायरस को खत्म किया जाता है। वता दें कि जब कोई संक्रमण व्यक्ति पर हमला करता है तो उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली संक्रमण से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज कहे जाने वाले प्रोटीन विकसित करती है। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज विकसित करता है तो वह वायरस से होने वाली बीमारियों से उबर सकता है।
- प्लाज्मा थेरैपी का उपयोग
प्लाज्मा थेरेपी को पहले भी कई गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए प्रयोग में लाया गया है। जैसे 2002 में SARS , 2009 में H1N1 और 2014 में इबोला (Ebola) जैसे खतरनाक वायरस को रोकने के लिए भी इस थेरापी का इस्तेमाल किया जा चुका है। प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल अमरीका, तुर्की , इटली और चीन समेत कई देशों में हो रहा है। यह थेरापी लगभग सभी देशो में उपलभ्ध है और सस्ती भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस थेरेपी को कारगर माना है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग एक ‘बहुत ही मान्य‘ दृष्टिकोण है, लेकिन परिणाम को अधिकतम करने के लिए समय महत्वपूर्ण है।ऐसे में कोरोना वायरस से विश्वभर में तबाही के बीच प्लाज्मा थेरेपी से काफी उम्मीद है, और अब इसका इस्तेमाल हर गंभीर मरीज़ पर किया जायेगा। कई वैज्ञानिकों और रिसर्च करने वालों का मानना है की जब तक इसकी कोई वैक्सीन नही बन जाती, प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल ही सबसे कारगर इलाज होगा।
रिपोर्ट– अदिति शर्मा