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पीएम मोदी ने टोक्यो ओलंपिक्स में जा रहे खिलाडियों से किया संवाद, कहा जापान जाकर जमकर खेलना

टोक्यो ओलंपिक्स 2020 अब दस दिन बाद यानिकि 23 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओर से टोक्यो ओलंपिक्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से बातचीत की।

टोक्यो ओलंपिक्स 2020 अब दस दिन बाद यानिकि 23 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की ओर से टोक्यो ओलंपिक्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से बातचीत की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए खिलाडियों से बात कर उनका उत्साह बढ़ाया और ओलंपिक्स में जाने के लिए शुभकामनायें दी।

एथलीट बिना किसी दबाव के खेलें- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने टोक्यो ओलंपिक्स में हिस्सा लेने वाले 15 एथलीट्स से संवाद किया। इस दौरान उनहोने देशवासियों से अपील चीयर फॉर इंडिया करने की अपील की। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलीपिक्स में जाने वाले खिलाडी न्यू इंडिया का रिफ्लेक्शन हैं। पीएम मोदी ने खिलाड़ियों से बातचीत की और उनकी हौसला अफजाही की। उन्होंने कहा कि किसी भी दबाव में आकर न खेलें बस अपना सर्वश्रेष्ठ दें। उन्होंने कहा कि आप सभी अपना 100 प्रतिशत देकर मैडल जीतने की कोशिश करें।

पीएम ने खिलाड़ियों से पूछे यह सवाल

खिलाडियों से संवाद के दौरान पीएम मोदी ने तीरंदाज दीपिका कुमारी से कहा कि, ” मैंने आपके बचपन की कहानी सुनी है कि आपकी तीरंदाजी की शुरुआत आम तोड़ने के साथ हुई। इस पर आपका क्या कहना है?” इस प्रश्न के जवाब में दीपिका ने बताया कि बचपन में उन्हें आम तोडना काफी पसन्द था। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने तीरंदाज प्रवीण कुमार जाधव, जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा, बॉक्सर मैरीकॉम, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू, बॉक्सर आशीष कुमार, रेसलर विनेश फोगाट, हॉकी प्लेयर मनप्रीत सिंह से बात की।

दिहाड़ी मजदूरी करने वाले का बेटा ऐसे बना तीरंदाज

चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने तीरंदाज प्रवीन जाधव से बात की और उनसे पूछा कि, “आपकी ट्रेनिंग पहले एथेलेटिक्स के लिए हुआ था, फिर आप तीरंदाज कैसे बन गए?” ये कैसे हुआ ? प्रवीन ने बताया कि उन्होंने गवर्नमेंट एकेडमी में एथलीट्स की ट्रेनिंग की थी लेकिन वो कमजोर थे। जिस कारण उनके कोच ने उन्हें किसी और खेल में ट्राय करने की सलाह दी। जिसके बाद उन्हें तीरंदाजी दी गई। जब पीएम ने उनसे पूछा कि गेम बदलने के बाद आप कॉन्फिडेंस और परफेक्शन कैसे लाए ? तो उन्होंने कहा, “मेरी फाइनेंसियल हालात ठीक नहीं है। मुझे पता था कि घर जाकर मुझे मजदूरी करनी पड़ेगी। इससे अच्छा है कि यहां रहकर कुछ अच्छा करना है। इसलिए मैंने तीरंदाजी में कंटीन्यू किया।’

पीएम ने कहा कि मुझे आपके बचपन के संघर्ष की जानकारी है और आपके पिता दिहाड़ी मजदूरी करते थे लेकिन आज आओ देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं जो प्रेरणादायी है।

अदिति शर्मा 

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