कोरोना संकट: PM समेत सांसदों की सैलरी में 30% की कटौती, राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति भी लेंगे कम वेतन
कैबिनेट द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सभी कैबिनेट मंत्रियों और राज्यमंत्रियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती हो जाएगी। इसके अलावा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल भी एक साल तक अपना वेतन 30 फीसदी कम लेंगे। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने ये फैसला स्वैच्छिक रूप से लिया है।

कोरोना वायरस ने दुनिया भर में महामारी बन कर आतंक मचाया हुआ है। इस बिमारी से अब तक 60 हज़ार से ज्यादा मौते हो चुकी है। तो वहीं 10 लाख से अधिक लोग इस बिमारी की चपेट में है। भारत में भी इस बिमारी का अब व्यापक असर नज़र आने लगा है। भारत में इस महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 4 हज़ार के पार हो चुकी है, जबकि 60 से अधिक लोग इस वायरस की वजह से जान गवां चुके है। देश भर में लॉक डाउन के चलते इस महामारी से निपटने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। सांसद निधि के तहत मिलने वाले फंड को दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। सभी सांसदों के वेतन में सालभर के लिए 30 प्रतिशत की कटौती करने संबंधी अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यानी सभी सांसदों की सैलरी अगले साल भर तक 30 प्रतिशत काटी जाएगी। इस रकम को भारत की संचिति निधि में जमा किया जाएगा। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सभी राज्यपाल और सांसद 1 साल तक अपने वेतन का 30 फ़ीसदी हिस्सा नहीं लेंगे। इस रकम का इस्तेमाल कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बात पर फैसला हुआ। इसमें तय किया गया कि इस फैसले को कार्य रूप देने के लिए एक अध्यादेश लाया जाएगा। बाद में जब संसद का सत्र शुरू होगा तो उसमें इस बारे में कानून पारित करा लिया जाएगा। सांसदों को हर साल मिलने वाली निधि या एमपी लोकल एरिया डेवलपमेंट फंड MPLADS भी 2 साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस मद में सांसदों को जो हर साल दस दस करोड़ रुपए की राशि मिलती है, वह कंसोलिडेटेड फंड ऑफ़ इंडिया में जमा होंगे, ताकि उससे कोरोनावायरस के दंश से लड़ा जा सके। सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।