कौन है George Floyd, जिसकी मौत पर जल रहा है अमेरिका
कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका मे हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। एक अश्वेत नागरिक की मौत के बाद वहाँ कई जगह हिंसा भड़की। इस सब को देखते हुए वाइट हाउस बंद कर दिया गया है। साथ ही शहर की स्थिति को देखते हुए मिनिसोटा गवर्नर ने (Peacetime Emergency) की घोषणा कर दी है।

मामला है एक अमेरिकी अश्वेत नागरिक के साथ बदसलूकी के बाद उसकी हत्या का। 20 डॉलर का नकली नोट इस्तेमाल करने के जुर्म में जॉर्ज फ्लॉयड George Floyd नाम के व्यक्ति को पुलिस ने तलाशी के दौरान पीटा और घुटने से दबाकर मार डाला। 46 वर्षीय जॉर्ज फ्लोयड George Floyd एक अफ्रीकन मूल के अमेरिकी थे।
जॉर्ज का जन्म अमेरिका के नार्थ कैरोलिना शहर में हुआ था। जिस वक्त पुलिस कर्मचारी फ्लॉयड की गर्दन पर पैर रख कर बैठे थे, फ्लॉयड बार बार चिल्ला रहे थे कि उन्हे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। लेकिन पुलिस ने इस बात को नज़रअंदाज किया।
गौरलतब है कि वायरल वीडियो में पुलिस कर्मचारी जॉर्ज फ्लॉयड George Floyd की गर्दन पर आठ मिनट तक बैठा रहता है। जिससे दम घुटने से उनकी मौत हो गई। इतना ही नहीं जॉर्ज के मरने के बाद भी डेरेक चाॅउविन नामक पुलिस अधिकारी बहुत देर तक उनके ऊपर ऐसे ही बैठा रहता है।
इस घटना के बाद अमेरिका के एक बार फिर श्वेत और अश्वेत के भेद का पर्दा हट गया। जिससे वहां के अश्वेत और अल्पसंख्यक समुदायों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। पुलिस अधिकारी पर हत्या का आरोप लगा है और उनको गिरफ्तार कर लिया है। जिससे वहां के अश्वेत लोगों में गुस्से का माहौल है।
- कई शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी
अमरीका में George Floyd के मौत के विरोध में भारी संख्या में लोगो ने वाइट हाउस के बहार प्रदर्शन किया। हुआ यूँ कि यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद से ही अमरीका के कई शहरो में विरोध प्रदर्शन जारी है। पुलिस ने जिस बर्बरता से जॉर्ज को मौत के घाट उतारा अब पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन में लोगों का गुस्सा दिख रहा है।
आपको बता दें अमरीका के 20 शहरों में भारी विरोध प्रदर्शन जारी है। फिनिक्स,लास वेगास, डेनवर और लॉस एंजिलिस जैसे कई अन्य शहरों में हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए।
- मंडेला, गांधी और मार्टिन लूथर किंग का सपना अभी भी अधूरा
आज फिर अमरीका में रंग भेद और ब्लैक लोगो पर जो अत्याचार होता है वो उभर कर सामने आया है। एक और जिस देश में अफ्रीकन अमेरिकन मार्टिन लूथर किंग ने साठ के दशक में अमेरिका में अश्वेतों के लिए सफल सिविल राइट आंदोलन किया था।
जिससे सभी को बिना किसी भेदभाव के समान अधिकार मिले, लगता है आज तक भी उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया है। महात्मा गांधी ने विश्व में रंग भेद के इस अंतर के खिलाफ आंदोलन किया था।
अब अमरीका विरोध प्रदर्शनों की आग में झुलस रहा है। कई जगह हिंसा प्रदर्शन हो रहे है और प्रदर्शनकारी न्याय की मांग कर रहे है। इसपर डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार Joe Biden ने जार्ज के परिवार से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया की जल्द न्याय मिलेगा।
वहीं अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस पर ट्वीट कर प्रदर्शनकारियों को धमकाया कि प्रोटेस्ट में बल प्रयोग न करें। साथ ही उन्होंने बाद में कहा कि जॉर्ज के साथ ट्रेजेडी हुई है।
अदिति शर्मा