हाथरस बलात्कार मामले को इतने पर्दे में रख कर आखिर किसको बचा रही है योगी सरकार

उत्तर प्रदेश में हाथरस रेप कांड के से रोष में है। इसी बीच आज पीड़िता के परिवार से मुलाकात करने जा रहे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी और महासचिव प्रियंका गांधी के साथ यूपी के प्रशासन ने बेहद ही पेचीदा व्यवहार किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ धक्का मुक्की की और उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया। हालाकिं बाद में छोड़ दिया गया और वो दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं।
अब यहां सवाल उठता है आखिर सरकार किसको बचा रही है?
आपको बता दें, कांग्रेस पार्टी के परिजनों से मिलने की बात कहने के बाद ही, यूपी सरकार ने जबरन धारा 144 हाथरस में लागू कर दी। इसके बाद जो हुआ वो तो लोकतांत्रिक देश में देखने को नहीं मिल सकता। लेकिन इस दलित लड़की के केस में शायद सारी सीमाएं लांग दी जाएंगी।
राहुल गांधी को किया गया गिरफ्तार
देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं के साथ इस तरह का बर्ताव किसी राज्य में पहली बार ही हुआ होगा। पहले उनकी गाड़ी ग्रेटर नोयडा पर ही रोक दी गयी। जिसके बाद राहुल गांधी ने पैदल ही हाथरस जाने का फैसला किया। मामला यहां भी नहीं रुका पुलिस ने राहुल के साथ लाठी तक का उपयोग किया। जिससे राहुल को चोट भी आई और उन्हें धारा 188 के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया।
SIT जांच शुरू होने में क्यों लगे 15 दिन ?
दलित लड़की से दरिंदगी और उसकी मौत के मामले पर अब जांच SIT ने शुरू कर दी है। आपको बता दें कि गैंगरेप और हैवानियत का शिकार हुई पीड़ित लड़की की मौत दिल्ली के अस्पताल में हो गयी थी। जिसके बाद उसके शरीर तक के साथ प्रशासन ने न्याय नही किया। यहां बात गौर करने वाली है कि क्यों सरकार और यूपी पुलिस 15 दिन तक मौन थी।
हिन्दू धर्म का प्रचार करने वाली योगी सरकार ने परिवार की सहमति के बिना जबरन रात के अँधेरे में 200 से ज्यादा पुलिस फाॅर्स को साथ लेकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। हद्द तो तब हो गयी जब परिवार को घर में बंद कर यह सब किया गया और बाद में जिलाधिकारी तक झूठी बयानबाजी कर रहे थे।
क्या दलित लड़की के साथ न्याय करना इतना मुश्किल है?
इस मामले में जिस तरह का रवैया परिवार से लेकर विपक्ष के साथ दिखाया है, इस बात को साफ़ बयान करता है ज यूपी में जंगलराज हो रहा है। यूपी सरकार हिटलर राज कर रही है और दलित परिवार को इंसाफ देना तो दूर उनसे सही तरीके से बात भी नहीं कर रहे हैं। आज के वाक्य के बाद अब परिवार का कहना है कि उन्हें सरकार पर भरोसा नही है।
मीडिया पर लगाई गई रोक
रिपोर्ट्स के मुताबिक मीडिया को गांव से डेढ़ किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि मीडिया के पहुचने से भीड़ होगी और उससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जायेगा। पुलिस ने ये तक कहा कि परिवार की सुरक्षा में तैनात 3 पुलिसवाले कोरोना संक्रमित हो गए हैं।
इस घटनाक्रम से साफ है कि यूपी की कानून व्यवस्था ख़तरे में है। जिस तरह से गद्दी का गलत उपयोग किया जा रहा है, बातों को छिपाया जा रहा है वो एक अलग ही कहानी बयां कर रहा है। यूपी में रेप घटना के मामले लगातार बढ़ रही है और यदि सरकार इसपर पर्दे डाल रही है तो यह बहुत ही भयवर स्थिति है।