सचिन पायलट गुट के ये 21 विधायक होटल से गायब, बढ़ी कांग्रेस की मुश्किले
राजस्थान में कांग्रेस सरकार में पॉलिटिकल क्राइसिस के बीच अशोक गहलोत भारी नज़र आ रहे हैं। जयपुर में अशोक गहलोत के निवास पर कांग्रेस विधायक दल बैठक हुई जिसमें 107 विधायक शामिल हुए। अपनी सरकार को बचाने के लिए गहलोत को 101 विधायकों का समर्थन चाहिए। उनके मंत्रियो ने दावा किया है कि उनके पास 115 विधायकों का समर्थन है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के आलाकमान ने सचिन पायलट को संदेश के जरिये कहा कि पार्टी में आपका स्वागत है।

रविवार को सचिन पायलट के दफ्तर से एक बयान जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि उनके साथ 30 विधायक हैं और अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत हो गई है। अब विधायक दल में विधायकों की तादाद को देखते हुए सवाल उठने लगे हैं कि सचिन पायलट के दावे सच नहीं निकले।
विधायकों के साथ आज अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने विक्ट्री साईन दिखाया। लेकिन पुरे मामले में सचिन पायलट कहीं नज़र नहीं आये। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रियंका गांधी इस मामले में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह कराने में जुटी हुई हैं।
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रणदीप सुरजेवाला ने इसपर कहा कि व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के लिये चुनी हुई सरकार को वाजिब करना ठीक नहीं है। उन्होंने सभी से अपील की बैठक में शामिल हों क्योंकि उन्हें राजस्थान के लोगों के लिये काम करना है जिसके लिए सरकार का संभले रहना जरूरी है। सचिन को परिवार का सदस्य बताते हुए रणदीप ने कहा कि परिवार का अगर कोई असंतुष्ट हो जाता है तो घर वालों के सामने अपनी बात रखता है। उन्होंने कहा कि पार्टी सचिन की हर बात सुनने को तैयार है।
कांग्रेस की बैठक में शामिल नहीं हुए पायलट
सचिन पायलट सोमवार को कांग्रेस की बैठक में शामिल नहीं हुए। पायलट के साथियों का कहना है कि जब विधानसभा का व्हिप सत्र नहीं चल रहा तो व्हिप जारी करना गलत है। वहीं कांग्रेस पार्टी के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि सभी विधायकों को मुख्यमंत्री के घर बुलाया गया है और जो नहीं आएगा उसके ख़िलाफ़ कार्यवाही की जायेगी।
फ़िलहाल सचिन पायलट दिल्ली में हैं और माना जा रहा है कि बैठक के बाद कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर सकती है। कुछ लोगों का मानना था कि सचिन भी ज्योतिरादित्य की तरह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं लेकिन बाद में उनकी तरफ से इस बात को ख़ारिज किया गया है।
आपको बता दें, पिछले 2 साल से अशोक और सचिन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था क्योंकि सचिन ने राजस्थान को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया था। लेकिन विद्रोह के लिए गुस्सा ओर बढ़ गया जब राज्यसभा चुनाव में सरकार को अस्थिर करने की छानबीन के लिए सचिन को पूछताछ के लिए समन भेजा गया। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पायलट से बातचीत की जिसमें उन्होंने उनसे कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत न करें। उन्होंने साथ ही उनकी चिंताओं को दूर करने का विश्वास भी दिलाया है।
सचिन पायलट गुट के विधायक
- राकेश पारीक
- मुरारी लाल मीणा
- जीआर खटाना
- इंद्राज गुर्जर
- गजेंद्र सिंह शक्तावत
- हरीश मीणा
- दीपेंद्र सिंह शेखावत
- भंवर लाल शर्मा
- विजेंद्र ओला
- हेमाराम चौधरी
- पी आर मीना
- रमेश मीणा
- विश्वेंद्र सिंह,
- रामनिवास गावड़िया
- मुकेश भाकर
- सुरेश मोदी,
- वेद प्रकाश सोलंकी
- अमर सिंह जाटव
सुत्रो के हवाले से खबर है कि इन 18 कांग्रेस विधायकों के अलावा 3 निर्दलीय विधायक भी सचिन के साथ है। ये सभी विधायक जयपुर के होटल में गैरमौजूद है।
अदिति शर्मा