डॉ. कफील खान के लिए ट्वीटर पर चला ऐसा अभियान, टूट गए सारे रिकॉर्ड़
डॉ. कफील खान की रिहाई के लिए लगभग 1 लाख से ज्यादा लोगों ने ट्विटर पर केवल 4 घंटो में रिलीज़ डॉ कफ़ील भारत का टॉप ट्रेंडिंग हैशटैग बना दिया। लोगों ने बढ़कर ट्विटर के माध्यम से डॉ कफ़ील खान के लिए ट्विटर पर कुछ इस तरह अभियान चलाया कि ट्वीट #ReleaseOurDrkafeel पर ट्वीट्स से ट्विटर पर रविवार को बाढ़ ही आगयी।

गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल के निलंबित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कफ़ील की रिहाई की मांग करने वाले अभियान को अखिल भारतीय छात्र संघ (All India students Association) ने “कार्यकर्ताओं के अरेस्ट ” के खिलाफ घोषित किया था। इसे नेशनल प्रोटेस्ट डे की तरह मनाया गया और इनका मतलब साफ़ था अपनी आवाज़ को बुलंद करके सरकार तक पहुँचाना। इन्होंने इस प्रोटेस्ट डे में सभी पोलिटिकल प्रिजनर्स को रिहा करने की भी मांग की।
आपको बता दें, कि डॉ कफ़ील खान 29 जनवरी से जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं। इनपर आरोप है कि नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ इन्होंने अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ बयानबाजी की थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इनके भड़काऊ भाषण देने पर NSA एक्ट के तहत गिरफ़्तार किया था। हालांकि इसके बाद डॉ कफ़ील को बेल मिल गयी थी।
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रविवार को करीब 6 बजे से ट्वीटर पर डॉक्टर के समर्थन में भरके ट्वीट्स आने लगे। ट्विटर पर लोगों ने वीडियो भी शेयर की जिसमें डॉ कफ़ील गरीब और पिछड़े हुए बच्चों की मदद करते नज़र आ रहे थे। इस अभियान में बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा और स्वरा भास्कर ने भी हिस्सा लिया। कुछ राजनितिक हस्तियों और कंदमस्वामी पोएट भी डॉ कफ़ील के नाम इस कैंपेन में उतरे।
हाल ही में डॉ कफ़ील खान ने एक पत्र सोशल मीडिया पर साझा किया था जिसमें उन्होंने मथुरा जेल की स्थिति का वर्णन किया। चार पन्नों के इस पत्र में उन्होंने जेल की नरकीय हालत के बारे में बताया और कहा कि जेल में 150 से अधिक लोग एक ही शौचालय का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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गोरतलब है कि मार्च में जब कोरोना का कहर भारत में फैलना शुरू हुआ तो डॉ कफ़ील ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से मांग की कि इस बुरे वक्त में वो अपने एक डॉ होने के नाते लोगों का इलाज करके इस जंग में अपना योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने साथ ही बताया कि बीआरडी अस्पताल में हुई ऑक्सीजन त्रासदी के बाद अब तक वो भारत में करीब 103 मुफ्त मेडिकल कैम्पस कर चुके हैं जिसमें उन्होंने लगभग 50 हजार बच्चों की जांच की है।
गोरखपुर के बीआरडी ऑक्सीजन त्रासदी में तकरीबन 60 बच्चों की जान चली गयी थी। इस मेडिकल फाल्ट के लिए यूपी सरकार ने डॉ कफ़ील को आरोपी ठहराया था और तब ये करीब 9 महीने तक जेल में रहे थे। इस साल जनवरी में इन्हें एंटी सीएए भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया और तब से ये जेल में हैं। कोरोना महामारी के चलते डॉ कफ़ील की बेल को लेकर कोर्ट में पेशी रद्द हो गयी है।
अदिति शर्मा