शबे-बरात पर घरों में इबादत करे मुसलमान: मदनी

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि 9 अप्रैल को शबे बारात के त्योहार को अपने घरों के अंदर ही मनाए घरों से बाहर ना निकले क्योंकि जब हमने जुमे की नमाज को भी घरों के अंदर पढ़ना शुरू कर दिया है तो हमें सरकार की बात माननी चाहिए और कोरोनावायरस जैसी भयंकर बीमारी को अगर खत्म करना है तो अपने अपने घरों के अंदर ही शबे बारात के त्यौहार को मनाएं। बता दें कि शबे-बरात में इबादत करना सवाब का काम है और इसका खास महत्तव है। नफली इबादत जितनी ज्यादा हो सके वह इस रात में अंजाम दें, खुदा का ज़िक्र करें, तसबीह पढ़ें, दुआएं करें और अपने गुज़र चुके अपनो को सवाब पहुंचाने का एहतमाम करें। यह सारी इबादतें घर पर रहकर बेहतर तरीके से अंजाम दी जा सकती हैं। कब्रिस्तान जाने के सिलसिले में भी इस्लामिक स्कॉलर्स की राय है कि हर शबे बरात में जाने का एहतमाम करना ज़रूरी नहीं है, इस रात में आम हालात में भी घरों से बाहर निकलना, देर रात सड़क पर हंगामा करना, गाड़ियां घुमाना, शरीयत और कानून के खिलाफ़ है। अब जब कोरोना वायरस से पैदा मौजूदा हालात, जिनमें इंसानी जिंदगी के तहफ्फुज़ के लिए, सामाजी दूरी और घरों में रहने की हिदायात दी हैं, ऐसा कोई भी काम या अमल करना शरीयत के खिलाफ और कानूनी जुर्म होगा।