
पंजाब में 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन पंजाब कांग्रेस में बगावत छिड़ गई है। अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ़ मंत्रियों के बगावती तेवर दिखने लगे हैं। जहाँ राज्य कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के अमरिन्दर सिंह के साथ लंबे समय से मतभेद हैं वहीं अब चार कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने बगावती तेवर दिखा दिए हैं।
इन कैबिनेट मंत्रियों की मांग है कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया जाए। इसी के चलते बुधवार को कांग्रेस महासचिव और प्रभारी हरीश रावत ने सीएम अमरिन्दर के खिलाफ़ बगावती तेवर अपनाने वाले कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों से मुलाक़ात की है। इस मुलाक़ात के बाद रावत ने कहा कि हम लोग लगातार समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार मज़बूत रहेगी और आने वाले चुनावों में भी कांग्रेस का वापस आना निश्चित है।
रावत से की बागी नेताओं ने मुलाक़ात
पंजाब के सी एम के खिलाफ़ कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी विधायकों द्वारा विद्रोह किये जाने के बाद हरिश रावत ने कहा कि चार मंत्रियों और तीन विधायकों से उनकी मुलाक़ात हुई है। रावत ने बताया कि उनके मन में किसी के लिए भी नाराज़गी या द्वेष नहीं है बल्कि वे लोग पंजाब में कांग्रेस को विजयी कराने में लगे हुए हैं।
वो चुनाव में पार्टी की जीत को सुनिश्चित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशैली और प्रशासन को लेकर उनकी कुछ चिताएं हैं जिसके लिये विचार-विमर्श किया जा रहा है। हरीश रावत ने इस मीटिंग के बाद यह साफ़ कर दिया है कि पंजाब विधान सभा का चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
वहीं नवजोत सिंह सिद्धू के पक्ष के नेता सोनिया गांधी से मिलकर कैप्टन अमरिंदर को हटाने की बात कर रहे हैं। मंत्रियों का आरोप है कि कैप्टन अमरिंदर ने अपने वादे पूरे नहीं किये हैं। इस आरोप पर हरीश रावत ने कहा, ”सारे वादे पूरे किए जाएंगे। कुछ कानूनी प्रक्रिया है, हमारी कोशिश है कि वो सभी वादे पूरे हों। ऐसा नहीं है कि वो कुछ नहीं कर रहे हैं। कुछ और मामलों में भी वो कार्रवाई करने जा रहे हैं।”
सिद्धू के सलाहकार पहले से ही निशाने पर
सिद्धू और कैप्टन के बीच सत्ता को लेकर खींचतान लंबे समय से जारी है। जहाँ सिद्धू के खेमे के मंत्री कैप्टन अमरिंदर को सीएम के पद से हटाने की बात कर रहे हैं, वहीं नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग भी कश्मीर और पाकिस्तान पर दी गई अपनी विवादित टिप्पणियों के कारण विपक्ष और पार्टी के निशाने पर हैं।
इस मामले पर पंजाब कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने कहा कि ‘ऐसे लोगों को पार्टी तो क्या देश में रहने का भी अधिकार नहीं है।’ इसी कड़ी में मनीष तिवारी ने हरीश रावत से दोनों सलाहकारों के खिलाफ़ कर्रवाई की मांग भी की है। जानकारों के अनुसार, अगर अमरिंदर सिंह और सिद्धू का झगड़ा ऐसे ही जारी रहा तो हो सकता है कि पंजाब चुनाव में कांग्रेस पार्टी को इसका भारी नुकसान उठाना पड़े।
-भावना शर्मा