
- सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की याचिका का निपटारा किया
- कोर्टः प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र, राज्य सरकारें पर्याप्त कदम उठा रहीं है
- कोर्ट ने ट्रेन किराए पर भी कोई आदेश पारित करने से इंकार किया
प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में सरकार द्वारा मदद संबंधी याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को पर्याप्त सुविधाएं केंद्र व राज्य सरकारें मुहैया करा रही हैं। इसलिए अब इस याचिका को लंबित रखने का कोई लाभ नहीं है। साथ ही शीर्ष अदालत ने प्रवासी मजदूरों और फंसे हुए लोगों की परिभाषित करने से भी इंकार किया।
साथ ही गृह मंत्रालय के आदेश में किसी तरह के हस्तक्षेप से इंकार किया जिसमें ये कहा गया है कि जो दूसरे राज्यों में सामान्य तरीके से रहते हैं वे इसके तहत नहीं आएंगे। साथ ही कोर्ट ने ट्रेन किराए पर कोई आदेश पारित करने से इंकार किया। याचिका में 15 फीसदी रेल भाड़ा माफ किए जाने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, इसलिए और कोई आदेश पारित करने की जरुरत नहीं है।