अफ़ग़ानिस्तान में जारी तालिबान का खौफ, दाढ़ी काटने और महिलाओं के अकेले निकलने पर तालिबान का फरमान
तालिबान ने अपना पहला आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक अब महिलाएं किसी पुरुष के साथ बाज़ार नहीं जा सकतीं, पुरुष अपनी दाढ़ी नहीं काट सकते और न ही धूम्रपान कर सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान के एक सुदूर इलाके पर कब्जा करने के बाद कट्टरपंथ इस्लामिक संगठन तालिबान ने अपना पहला आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक अब महिलाएं किसी पुरुष के साथ बाज़ार नहीं जा सकतीं, पुरुष अपनी दाढ़ी नहीं काट सकते और न ही धूम्रपान कर सकते हैं। कुछ स्थानीय लोगों ने इस पर जानकारी दी। इन लोगों का कहना है कि तालिबान ने स्थानीय इमाम को ये सभी शर्तें एक चिट्ठी में लिखकर दी हैं। इसके साथ ही ये भी कहा है कि जो इस आदेश को नहीं मानेगा, उनसे सख़्ती से निपटा जायेगा।
नेटो सैनिकों के लौटने के बाद से ही तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान में बढ़त बनानी शुरू की थी। साथ ही तालिबान ने दावा किया है कि अब उसके कब्ज़े में अफ़गान सरकार से ज़्यादा बड़ा क्षेत्र और कहीं अधिक संसाधन हैं।
बात दें पड़ोसी देशों से सटी सीमाओं पर स्थित कुछ प्रमुख चौकियों पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। इसके अलावा तालिबान ने अफगान सरकार से आत्मसमर्पण करने को कहा क्योंकि तालिबान शहरों में लड़ाई नहीं लड़ना चाहता। बीते महीने,अफ़ग़ानिस्तान के क्षेत्र शेर ख़ाँ बांदेर पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने स्थानीय लोगों को आदेश दिया था कि ‘महिलाएं घर से बाहर ना निकलें।’ जिसके बाद ऐसी तमाम रिपोर्ट्स आईं जिनमे कहा गया की शेर ख़ाँ बांदेर क्षेत्र की बहुत सी महिलाएं सील बुनाई, कशीदाकारी, सिलाई-बुनाई और जूते बनाने के काम में शामिल हैं। लेकिन तालिबान से डर के कारण उन्हें अपना काम बंद करना पड़ा।
हालांकि, कुछ जानकर का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान मूल रूप से ही एक रूढ़िवादी देश है। जहां कुछ कुछ ग्रामीण इलाकों में बिना तालिबान की मौजूदगी के ही ऐसे नियम माने जाते हैं।