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भारत के साथ कैसे होंगे Taliban सरकार के रिश्तें

अफ़ग़ानिस्तान पर अपना कब्ज़ा जमाने के बाद तालिबान ने अब एक और बयान जारी किया है जो कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर है। तालिबान ने बयान में कहा है कि दुनिया के सभी देशों के साथ संबंध स्थापित करना उनकी नीति है। तालिबान ने कहा कि अब देश का नए तरीक़े से निर्माण करना है और लोगों का आर्थिक विकास करना है।
भारत को लेकर भी तालिबान (Taliban) संगठन के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत तालिबान के प्रति अपना रुख बदलेगा और उनका साथ देगा। वहीं चीन ने तालिबान के साथ अपने ‘दोस्ताना रिश्ते’ बरकरार रखने की बात कही है। इसी दिशा में पाकिस्‍तान की तरफ़ से भी सहयोग की बात आई है। पाकिस्तान ने भी अफ़ग़ानिस्तान में अपनी सकारात्‍मक भूमिका निभाने की बात कही है।

संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद ने की आपातकालीन बैठक

अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) की स्थिति पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, मैं सभी पक्षों से विशेष रूप से तालिबान से आग्रह करता हूं कि वे अत्यधिक संयम बरतें और यह सुनिश्चित करें कि मानवीय ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। इस संघर्ष ने सैकड़ों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया है।

सरकार चलाने और अन्य देशों से संबंध स्थापित करने का अनुभव

एक चैनल से बातचीत के दौरान तालिबान प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने अफ़ग़ानिस्तान के पुनः निर्माण सहित कई मुद्दों पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पहले तालिबान के पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं था लेकिन अब 20-25 साल के बाद उन्हें सरकार चलाने और दूसरे देशों के साथ संबंध स्थापित करने का अनुभव हो गया है। उन्होंने कहा कि वो अपने देश के पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय एकता पर भी ध्यान देंगे.

तालिबान चाहता है ‘‘खुली और समावेशी” इस्लामी सरकार

तालिबान के प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में ‘‘खुली और समावेशी इस्लामी सरकार” बनाने के लिये संगठन बातचीत कर रहा है। इससे पहले भी तालिबान की ओर से यह कहा गया था कि तालिबान राष्ट्रपति भवन से एक नई सरकार की घोषणा करेगा। अफ़ग़ानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्ज़ा किये जाने के बाद से ही दुनिया भर में हलचल मच गई है।
भारत और अमेरिका सहित अन्य कई देश लगातार अपने राजनयिकों और नागरिकों को तालिबान से वापस लाने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि सुहेल शाहीन ने तालिबान द्वारा सभी विदेशी दूतावासों को सुरक्षा प्रदान करने की बात कही है। उन्होंने कहा, ” फिलहाल हालात ये है कि हम सभी दूतावास और राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करेंगे। साथ ही उन्होनें कहा कि दूसरे देशों में हमारे दूतावास को लेकर कोई भी फैसला सरकार बनने के बाद तय किया जाएगा।”

कांग्रेस ने पूछा अफ़ग़ानिस्तान को लेकर भारत सरकार की क्या है रणनीति

अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद पैदा हुए हालात पर कांग्रेस पार्टी ने चिंता जताते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को अब अपनी ‘रहस्यमयी चुप्पी’ तोड़कर देश को बताना चाहिए कि इस स्थिति को लेकर उनकी आगे की रणनीति क्या है और  वहां से भारतीय राजनयिकों और नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए क्या योजना है।
-भावना शर्मा
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