
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ़ थप्पड़ वाले बयान को लेकर पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार को गिरफ़्तार कर लिया है। नारायण राणे पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राणे ने जुलाई 2021 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्री मण्डल में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के मंत्री के तौर पर अपना पद संभाला था। नारायण राणे 20 साल में पहले ऐसे केंद्रीय मंत्री हैं जिनको गिरफ़्तार किया गया है।
राणे के बयान पर हुआ है सारा बवाल
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर एक आपत्तिजनक बयान दिया था जिसमें उन्होंने ठाकरे की आलोचना करते हुए उन्हें थप्पड़ मारने की बात कह डाली। राणे ने यह कहा था कि स्वतंत्रता दिवस पर उद्धव ठाकरे अपने सम्बोधन के समय पर यह भूल गए थे कि देश को स्वतंत्र हुए कितने वर्ष हुए हैं।
इसी संदर्भ में राणे बने रायगढ़ ज़िले में सोमवार को ‘जान आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान ठाकरे के खिलाफ़ अपना विवादित बयान दे दिया था कि “यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आज़ादी को कितने वर्ष हुए हैं। अगर मैं वहाँ होता यो उन्हें एक थप्पड़ मारता।” इस बयान को लेकर काफ़ी बवाल हुआ और राणे के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, राणे के खिलाफ़ ठाणे के नौपड़ा में भी एक मामला फ़ाइल किया गया है।
उच्च न्यायालय ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार
गिरफ़्तारी से पहले राणे ने अपने बयान को लेकर मंगलवार को मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी और गिरफ़्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया था। साथ ही मंगलवार को ही तत्काल सुनवाई की मांग की थी। लेकिन न्यायमूर्तियों की पीठ ने इस पर सुनवाई करने से माना कर दिया। पीठ ने कहा कि वकील को पूरी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मामले पर दी प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा कि ‘नारायण राणे का मामला गंभीर है। कुछ शब्द उन्होंने प्रयोग किये होंगे जिससे बचा जा सकता है।’ पात्रा ने कहा कि ‘महाराष्ट्र में 42 में से 27 मंत्रियों पर केस दर्ज हैं। अनिल देशमुख पर पूरे 100 करोड़ रूपये की वसूली का केस है पर क्या वो जेल में हैं? संजय राउत ने भी महिलाओं के खिलाफ़ कई आपतिजनक बयान दिए हैं लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।’
इस पूरे मामले में यह बात भी ध्यान देने वाली है कि नारायण राणे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पहले शिवसेना से जुड़े थे, बाद में उन्होंने अपनी पार्टी बदलते हुए कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए। इसके बाद साल 2019 से राणे भरतीय जनता पार्टी का हिस्सा हैं।
-भावना शर्मा